दिल्ली
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना
Paliwalwaniनई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता पर नाराजगी जताते हुए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. आपराधिक केस में सजा के चलते संसद सदस्यता के अयोग्य लोगों की दोबारा बहाली के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने 20 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को इनकार कर दिया.
याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं का जिक्र कर सदस्यता बहाली को चुनौती दी गई थी. इसपर कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि जब तक ऊपरी अदालत निर्दोष न ठहराए, सदस्यता बहाल होना गलत है. जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है क्योंकि याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता वकील अशोक पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता हुई बहाल
सुप्रीम कोर्ट से चार अगस्त को राहुल गांधी की मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल कर दी थी. राहुल गांधी को मार्च 2023 में लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
मामला क्या है?
बीजेपी पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनके सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है? पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. यह टिप्पणी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी.
इसको लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का अपमान किया है. इसपर राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा था कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है. इन्होंने )केंद्र सरकार) ने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया है.
इनपुट भाषा से भी.