दिल्ली
रुपया फिसल नहीं रहा बल्कि डॉलर लगातार मजबूत : वित्तमंत्री सीतारमन
Paliwalwaniमहंगाई और मंदी की आहट के बीच डॉलर के मुकाबले अपने रुपये में गिरावट जारी है. आज एक डॉलर के सामने 82.69 पर रुपया पहुंच गया है. इसका अर्थ हुआ कि आपको एक डॉलर के लिए 82.69 रुपये खर्च करने होंगे. विशेषज्ञों की मानें तो डॉलर की इतनी मजबूती और रुपये की इतनी कमजोरी ठीक नहीं, खासकर आर्थिक विकास दर के लिहाज से. लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब इससे अलग है.
गिरावट पर अपना तर्क देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया इसलिए गिर रहा है क्योंकि डॉलर दिन ब दिन मजबूत हो रहा है. उन्होंने कहा कि अपना रुपया कमजोर नहीं हो रहा है. बकौल निर्मला सीतारमण, रुपया फिसल नहीं रहा बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्कि डॉलर में मजबूती है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की करंसी देखें तो उसके मुकाबले अपना रुपया अच्छा परफॉर्म कर रहा है. उन्होंने ‘इमर्जिंग मार्केट करंसी’ की बात की. इसका अर्थ हुआ वे देश जो विकास की ओर अग्रसर हैं, उन सभी के मुकाबले अपना रुपया अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 82.69 पर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब उस दिन आया है जिस दिन डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 82.69 पर पहुंच गया है. यह स्तर अब तक का सबसे निचला है. गिरावट पर अपना तर्क देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया इसलिए गिर रहा है क्योंकि डॉलर दिन ब दिन मजबूत हो रहा है. उन्होंने कहा कि अपना रुपया कमजोर नहीं हो रहा है. बकौल सीतारमण, रुपया फिसल नहीं रहा बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. अमेरिकी दौरे के दौरान एक प्रेस ब्रीफिंग में निर्मला सीतारमण ने यह बात कही.
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उभरती बाजार की करंसी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन
निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक का ध्यान इस बात की ओर ज्यादा है कि बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं हो. इसलिए केंद्रीय बैंक भारतीय करंसी को फिक्स करने के लिए बाजार में कोई दखलंदाजी नहीं कर रहा. लेकिन गिरते रुपये को थामने के क्या उपाय किए जा रहे हैं? इसके जवाब में वित्त मंत्री ने ‘ANI’ से कहा, जाहिर है, अन्य सभी करंसी अमेरिकी डॉलर की मजबूती के खिलाफ टिकी हुई हैं. यह तथ्य की बात है कि भारतीय रुपया लगातार बढ़ते अमेरिकी डॉलर के सामने अपना परफॉर्मेंस जारी रखे हुए है, एक्सचेंज रेट भी डॉलर के पक्ष में जा रहा है. भारतीय रुपये ने कई अन्य उभरती बाजार की करंसी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है.