दिल्ली

राम मंदिर हमला साजिश : ‘आतंकी’ मानने को तैयार नहीं 19 वर्षीय अब्दुल के माता-पिता, कहा – ये लोग बच्चे को फंसा रहे

PALIWALWANI
राम मंदिर हमला साजिश : ‘आतंकी’ मानने को तैयार नहीं 19 वर्षीय अब्दुल के माता-पिता, कहा – ये लोग बच्चे को फंसा रहे
राम मंदिर हमला साजिश : ‘आतंकी’ मानने को तैयार नहीं 19 वर्षीय अब्दुल के माता-पिता, कहा – ये लोग बच्चे को फंसा रहे

Ram Mandir Terror Attack Conspiracy: गुजरात ATS के एजेंटों और हरियाणा पुलिस के STF की एक संयुक्त टीम ने रविवार को अब्दुल रहमान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। उस पर अयोध्या में राम मंदिर पर ग्रेनेड से हमला करने की कोशिश करने का आरोप है। फिलहाल उसे 10 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया है।

हालांकि, 19 वर्षीय अब्दुल के परिजनों ने आरोपों का खंडण किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बेटे को “गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।” संभवतः उसके ‘दोस्तों’ का ये काम है।

‘उसने कुछ भी गलत नहीं किया है’

अब्दुल की मां ने समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “मेरा बच्चा ऐसा नहीं है। उसने कभी ऐसा कुछ नहीं किया… यह सब झूठ है। वह केवल बैटरी से चलने वाला रिक्शा चलाता है।” उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमें कुछ नहीं बताया… वे उसे (और मेरे पति को) बस ले गए। मैं बस इतना कहना चाहती हूं, ‘कृपया, मेरे बच्चे को मेरे पास वापस लाएं। उसने कुछ भी गलत नहीं किया है। वो निर्दोष है।”

अयोध्या के मिल्कीपुर में घर के बाहर बैठी आरोपी की मां ने रोते-रोते कहा, “वो बीमार था और उसके दिल में छेद था… दान से पैसे इकट्ठा करने के बाद उसका ऑपरेशन हुआ था। हमारे (उसके पति और उसके) सिर्फ़ एक बेटा और तीन बेटियां हैं। हमारे पास और कोई नहीं है।”

अब्दुल के पिता ने भी ANI से बात की। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने उनसे कहा था कि वो एक दोस्त से मिलने के लिए दो दिन के लिए बाहर जा रहा है। “मैं उसे जाने नहीं दे रहा था। मैंने उससे कहा कि ईद आ गई है और हमें पैसे चाहिए…”

पिता ने कहा कि उन्होंने आखिरी बार 2 मार्च को रहमान से बात की थी, जो घर से निकलने के एक दिन बाद था। उसके बाद – आखिरी कॉल दोपहर में हुई थी – उसका फोन पहुंच से बाहर था, वो बंद था।

पिता के अनुसार, उसे कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था और पूछताछ के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। फिर उन्होंने मुझे जाने दिया और कहा कि मैं घर जाऊंगा और पता लगाऊंगा कि वहां क्या हुआ था। जब मैं वापस आया…मीडिया यहां था, और मुझे पता चला कि उस पर बम ले जाने का शक था। लेकिन उसने मुझे बताया कि वह एक दोस्त से मिलनेजा रहा था।

अब्दुल के पिता ने ‘दोस्तों’ पर आरोप लगाते हुए कहा, “अगर कोई दोषी है…तो उसे सज़ा मिलनी चाहिए। लेकिन इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या उसे दिल्ली बुलाकर झूठा फंसाया गया था…।” सूत्रों ने बताया है कि अब्दुल रहमान अपने माता-पिता का सबसे बड़ा बच्चा है और ई-रिक्शा चलाता था। हालांकि, उसके जमात या इस्लामी सभा में शामिल होने की भी बात सामने आ रही है।

आईएसकेपी मॉड्यूल द्वारा प्रशिक्षित किया गया

अब्दुल को कथित तौर पर आईएसकेपी मॉड्यूल द्वारा प्रशिक्षित किया गया था; इसमें वीडियो कॉल के माध्यम से दिए जाने वाले ट्रेनिंग वीडियो शामिल थे, जब वो अपने पिता की मीट की दुकान की निगरानी कर रहा था। राम मंदिर पर हमले की साजिश पिछले हफ्ते शुरू हुई थी। पांच दिन पहले वो हरियाणा के मिल्कीपुर से ट्रेन से फरीदाबाद गया था। उसने अपने हैंडलर से मुलाकात की, जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, और दो हैंड ग्रेनेड अपने कब्जे में ले लिए।

रिपोर्ट के अनुसार हैंड ग्रेनेड लेकर उसे जाना था और वहां से अयोध्या जाकर हमला करना था। हालांकि, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के आधार पर एटीएस और एसटीएफ की टीम ने संयुक्त अभियान चलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। दोनों ग्रेनेड बरामद कर उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि अब्दुल से गुजरात एटीएस पूछताछ कर रही है।

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