दिल्ली
EXCLUSIVE : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत -"गांधी परिवार ने मुझे बहुत कुछ दिया, मैं क्यों बगावत करूंगा..." सचिन पायलट पर बहुत बुरी तरह बरसे, छह बार 'गद्दार' कहकर पुकारा
Paliwalwaniराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब संयम खो चले हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ गुजरात में प्रचार करने पहुंचे अशोक गहलोत ने वक्त निकालकर NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें वह अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट पर बहुत बुरी तरह बरसे, और पूरी बातचीत में उन्हें छह बार 'गद्दार' कहकर पुकारा.
उन्होंने कहा, "एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता... हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं... ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया... उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं..."
इंटरव्यू के दौरान अशोक गहलोत ने 2020 में हुई 'बगावत' के बारे में विस्तार से बताया, "यह संभवतः हिन्दुस्तान में पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की..." अशोक गहलोत ने कोई सबूत पेश नहीं किया, लेकिन कहा कि इस बगावत को 'भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फंड किया था' और इसके पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित BJP के वरिष्ठ नेता शामिल थे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब संयम खो चले हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ गुजरात में प्रचार करने पहुंचे अशोक गहलोत ने वक्त निकालकर NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें वह अपने पूर्व डिप्टी सचिन पायलट पर बहुत बुरी तरह बरसे, और पूरी बातचीत में उन्हें छह बार 'गद्दार' कहकर पुकारा.
उन्होंने कहा, "एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं बन सकता... हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता, एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं... ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया... उन्होंने पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं..."
इंटरव्यू के दौरान अशोक गहलोत ने 2020 में हुई 'बगावत' के बारे में विस्तार से बताया, "यह संभवतः हिन्दुस्तान में पहली बार हुआ होगा, जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार गिराने की कोशिश की. अशोक गहलोत ने कोई सबूत पेश नहीं किया, लेकिन कहा कि इस बगावत को 'भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फंड किया था' और इसके पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित BJP के वरिष्ठ नेता शामिल थे.
उस वक्त, दो साल तक राजस्थान के डिप्टी CM रह चुके सचिन पायलट 19 विधायकों को लेकर दिल्ली के निकट एक पांच-सितारा रिसॉर्ट में पहुंच गए थे. यह कांग्रेस को सीधी चुनौती थी - या उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए, या वह कांग्रेस छोड़कर चले जाएंगे, और इसी वजह से कुछ ही राज्यों में शासन कर रही पार्टी एक राज्य में टूट भी गई थी.
लेकिन यह चुनौती कतई नाकाम साबित हुई, क्योंकि 45-वर्षीय सचिन पायलट से 26 साल सीनियर अशोक गहलोत ने उन्हें आसानी से पटखनी दे दी थी, और उन्होंने भी एक पांच-सितारा रिसॉर्ट में ही 100 से भी ज़्यादा विधायकों को ले जाकर अपनी ताकत दिखाई थी. साफ हो गया कि दोनों नेताओं में कोई मुकाबला था ही नहीं.
सचिन पायलट को इस नाकामी के बाद नतीजा भी भुगतना पड़ा था. एक समझौता तैयार किया गया, और जुर्माने के तौर पर उन्हें पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद से तो हटाया ही गया, बल्कि उपमुख्यमंत्री के पद से भी हटा दिया गया.
NDTV के साथ अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उस बगावत के दौरान सचिन पायलट ने दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी. गहलोत ने कहा, "अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे... उन लोगों के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी..." इसके बाद उन्होंने फिर बिना किसी सबूत के आरोप लगाया कि सचिन के साथ मौजूद विधायकों में से "किसी को 5 करोड़ मिले, किसी को 10 करोड़... और दरअसल, यह रकम दिल्ली के BJP दफ्तर से उठाई गई..." अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि सचिन पायलट कैम्प के लोगों से मिलने के लिए धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस की तरफ से बातचीत के लिए भेजे गए नेताओं को मुलाकात नहीं करने दी गई.