दिल्ली
Delhi : बच्चों को मुफ्त शिक्षा और लोगों को फ्री इलाज देना रेवड़ी बांटना नहीं कहलाता- PM मोदी के बयान पर केजरीवाल का पलटवार
Pushplataदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने के बयान पर पलटवार किया है। सीएम केजरीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बच्चों को मुफ्त शिक्षा और लोगों को फ्री इलाज देना रेवड़ी बांटना नहीं कहलाता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “ये फ्री की रेवड़ी क्या होती है मैं आपको बताता हूं। एक कंपनी ने कई बैंक से लोन लिया और पैसे खा गए। बैंक दिवालिया हो गया और उस कंपनी ने एक राजनैतिक पार्टी को कुछ करोड़ों रुपए का चंदा दे दिया और उस कंपनी के खिलाफ ने कोई एक्शन नहीं लिया। जब आपने विदेश में अपने दोस्तों के लिए ठेके लिये।”
75 साल पहले हो जाना चाहिए था:
उन्होंने आगे कहा, “सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। देशभर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था। आज हमने अगर इन बच्चों का भविष्य ठीक किया तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं?” उन्होंने कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ़्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ़्त इलाज करवाना – इसे मुफ़्त की रेवड़ी बाँटना नहीं कहते। हम एक विकसित और गौरवशाली भारत की नींव रख रहे हैं। ये काम 75 साल पहले हो जाना चाहिए था।
लोग मुझे गालियां दे रहे हैं:
दिल्ली CM ने कहा, “हम महिलाओं को बस में फ्री यात्रा की सुविधा दे रहे हैं। जो लोग मुझे गालियां दे रहे हैं उन्होंने हज़ारों करोड़ ख़र्च कर अपने लिए प्राइवेट प्लेन खरीदे हैं। ये कहते हैं- केजरीवाल जनता को फ़्री में बिजली क्यों दे रहा है? मैं इन से पूछना चाहता हूं- तुम्हारे मंत्रियों को कितनी बिजली फ्री मिलती है?”
फ्री की रेवड़ियां या पुण्य का काम:
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, “तुम लोगों को 4000-5000 यूनिट बिजली मिले तो ठीक, ग़रीब जनता को 200-300 यूनिट बिजली मिले तो तकलीफ? दिल्ली एकमात्र शहर है जहां 2 करोड़ लोगों का इलाज मुफ़्त होता है। हम फरिश्ते स्कीम में 13,000 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुके हैं। उनके परिवार से पूछिए कि केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है या पुण्य का काम कर रहा है?”
आप संयोजक ने कहा कि मुझे गालियां दी जा रही है कि केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है। मैं दिल्ली के ग़रीब और मिडिल क्लास के 18 लाख बच्चों को फ्री में शानदार शिक्षा दे रहा हूं। मैं देश से पूछना चाहता हूं कि क्या मैं फ्री की रेवड़ियां बांट रहा हूं या देश की नींव रख रहा हूं।