दिल्ली

बड़ा खुलासा : क्या ईवीएम की वास्तव में हैकिंग हो रही ? क्या पत्रकारों की जासूसी हो रही ? : चुनावों को प्रभावित करने के मामले की हो जांच : कांग्रेस

Paliwalwani
बड़ा खुलासा : क्या ईवीएम की वास्तव में हैकिंग हो रही ? क्या पत्रकारों की जासूसी हो रही ? : चुनावों को प्रभावित करने के मामले की हो जांच : कांग्रेस
बड़ा खुलासा : क्या ईवीएम की वास्तव में हैकिंग हो रही ? क्या पत्रकारों की जासूसी हो रही ? : चुनावों को प्रभावित करने के मामले की हो जांच : कांग्रेस

क्या भाजपा ने इजरायल की किसी कंपनी से चुनाव जीतने और विरोधियों को नष्ट करने के लिए किसी प्रकार का गुप्त समझौता किया है ? क्या ईवीएम की वास्तव में हैकिंग हो रही ? क्या पत्रकारों की जासूसी हो रही ? भाजपा सरकार द्वारा विरोधियों के खिलाफ  पेगासस के इस्तेमाल के खुलासे के बाद अब दूसरा बड़ा खुलासा सामने आया है।

इजराइल की एक कंपनी के जरिए विश्व भर के 30 चुनावों को प्रभावित किया गया है। इस कंपनी के फूट प्रिंट भारत में दिखा है। ये कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए fake news फैलाकर लोगों को इनफ्लुएंस करती है। इसका काम करने का तरीका बीजेपी के आईटी सेल से मिलता है।

इजराइल की इस कंपनी का नाम है "JORGE" है। इस कम्पनी के सॉफ्टवेयर का नाम है "AIMS"– Advance impact media solution.. आरोप है की डाटा चुराने के साथ ये कंपनी चुनावों को प्रभावित करने का काम कर रही है। जानकारी मिली है कि इजरायल की टीम जार्ज नामक एजेंसी ने चुनाव  जीतने के लिए भारत और कुछ अन्य देशों को  सॉफ्टवेयर मुहैया कराया था। टीम जॉर्ज पर हैकिंग, तोड़फोड़, और ऑनलाइन फर्जी खबरों को फैलाने का का आरोप है। सवाल उठता है कि क्या यह टीम ईवीएम हैकिंग में भी लिप्त थी।

द गार्जियन में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि तथाकथित "टीम जॉर्ज" ने अपने बड़े क्लाइंट्स को एडवांस इम्पैक्ट मीडिया सलूशन (एम्स) नाम के सॉफ्टवेयर की पेशकश की है। कहा जाता है कि यह युनिट 50 वर्षीय पूर्व इजरायली स्पेशल फोर्स ऑपरेटिव ताल हान द्वारा चलाई जाती है। यह शख्स अपना फेक नाम "जॉर्ज" का इस्तेमाल करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली फर्म का ये प्रोजेक्ट प्रोपेगेंडा इंडस्ट्री में व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसे फॉरबिडन स्टोरीज द्वारा जांचा किया गया है।  फॉरबिडन स्टोरीज फ्रांस की एक गैर-लाभकारी संस्था है।

इसका मिशन मारे गए, धमकी दिए गए या जेल में बंद पत्रकारों के काम को आगे बढ़ाना है। गसर्जियाँ की रिपोर्ट कहती है कि गौरी लंकेश को टीम जार्ज का पता लग चुका था। गौरतलब है कि उन्हें  2017 में उनके बेंगलुरु घर के बाहर गोली मार दी गई थी। 'द गार्डियन' ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि हत्या से कुछ घंटे पहले गौरी लंकेश अपने आर्टिकल "In the Age of False News" को अंतिम रूप दे रही थीं। इस आर्टिकल में जांच की गई थी कि कैसे तथाकथित झूठ फैलाने वाली फैक्ट्रियां भारत मे गलत सूचना फैला रही हैं।

चुनावों को प्रभावित करने के मामले की हो जांच: कांग्रेस

इजरायली की एक निजी खुफिया कंपनी के सोशल मीडिया दुष्प्रचार और फेक न्यूज से 30 देशों के चुनाव को प्रभावित करने की खबरों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पार्टी ने कहा कि सोशल मीडिया दुष्प्रचार के माध्यम से चुनाव पर असर डालने वाले इन देशों में भारत का नाम भी है और ऐसे में सरकार को जांच कर यह बताना चाहिए कि किसने इस इजरायली कंपनी की अपनी सेवाएं देने के लिए हायर किया।

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