दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

paliwalwani
कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली. कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली ने रविवार को दिल्ली के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया है और किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहे हैं। लवली ने यह स्पष्टीकरण तब दिया, जब कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान ने दावा किया कि भाजपा पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से हर्ष मल्होत्रा ​​की जगह लवली को मैदान में उतारेगी।

आप से गठबंधन का किया जिक्र

लवली ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने केवल दिल्ली कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है और मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा इस बात से दुखी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दर्द को जाहिर करता है कि पिछले सात से आठ वर्ष के दौरान वे जिन आदर्शों के लिए लड़ रहे थे. उनसे समझौता किया जा रहा है। लवली ने लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि हम साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कभी नहीं कहा कि हम उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे रहे हैं या स्कूल और अस्पताल बनाने का श्रेय दे रहे हैं, जो वास्तविकता से कोसों दूर है।

गठबंधन के खिलाफ थी दिल्ली इकाई

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को झटका देते हुए लवली ने ‘आप’ के साथ गठबंधन को एक कारण बताते हुए पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान इसके साथ आगे बढ़ा। लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि ‘‘दिल्ली कांग्रेस इकाई ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर बनी (उस पार्टी के) आधे कैबिनेट मंत्री अभी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इसके बावजूद, पार्टी (कांग्रेस) ने दिल्ली में ‘आप’ से गठबंधन करने का फैसला लिया। हमने पार्टी के निर्णय का सम्मान किया, मैं सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल की गिरफ्तारी वाली रात को उनके आवास पर भी गया, जबकि यह इस मामले में मेरे पद के खिलाफ था।’

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