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Anupamaa Serial : काव्या ने धोखे से नाम कराया शाह हाउस, गुस्से में अनुपमा ने भी उठाया ये कदम
Paliwalwani
Anupamaa: स्टार प्लस का मशहूर सीरियल ‘अनुपमा’ इन दिनों खूब धमाल मचा रहा है। शो इन दिनों अपने ट्विस्ट एंड टर्न के कारण लगातार टीआरपी की रेस में सबसे आगे बना हुआ है। हाल ही में ‘अनुपमा’ में देखा गया कि बापूजी की बेइज्जती करने के लिए वनराज, बा से बुरी तरह से नाराज हो जाता है। वह बा को घर में कदम तक नहीं रखने देता है। हालांकि बा, वनराज और बापूजी के सामने काव्या की पोल खोल देती है, लेकिन खुद को बचाने के लिए काव्या बा और अनुपमा पर ही बरसने लगती है। इसी बीच वनराज, काव्या से शाह हाउस छोड़कर कहीं और रहने के लिए कहता है, जिसपर हामी भरने से काव्या साफ इंकार कर देती है।
‘अनुपमा’ का इससे जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने लोगों की एक्साइटमेंट को चार गुणा बढ़ा दिया है। वीडियो में दिखाई दिया कि काव्या पूरे परिवार के सामने शाह हाउस के पेपर लाकर रख देती है और कहती है कि अब यह घर उसका है और वह इसे छोड़कर कहीं भी नहीं जाने वाली।
इतना ही नहीं, काव्या ने पूरे शाह परिवार के सामने यह तक बताया कि उसने कैसे बड़ी चालाकी से शाह हाउस अपने नाम करवाया। काव्या ने बताया कि उसे घर अपने नाम करवाने का आइडिया किसी और से नहीं बल्कि किंजल की मां राखी दवे से मिला था। इस चीज के लिए पहले उसने बा को अनुपमा के खिलाफ उकसाया। वहीं जल्द बाजी में आकर अनुपमा ने भी पेपर बिना पढ़े ही साइन कर दिये। उन पेपर पर बा का नहीं बल्कि काव्या का नाम लिखा था।
काव्या ने बताया कि यही चीजें उसने वनराज की बहन डॉली से करवाने का भी प्लान बनाया। पहले वनराज ने डॉली को उकसाया, जिससे गुस्से में आकर डॉली ने भी पेपर को बिना पढ़े ही साइन कर दिये। इसी तरह उसने वनराज से भी घर को अपने नाम करवा लिया। काव्या ने बताया कि इंश्योरेंस रिन्यू के नाम पर उसने वनराज से पेपर साइन करवा लिये और बिना पढ़े खुद वनराज ने भी उसपर साइन कर दिये।
जहां काव्या ने शाह परिवार से धोखे से उनका घर ले लिया तो वहीं अनुपमा ने भी काव्या को खरी-खोटी सुनाने में कसर नहीं छोड़ी। अनुपमा ने इस बारे में कहा, “इस परिवार में लोग झगड़े हैं और चोट भी दी है, लेकिन किसी को धोखा नहीं दिया। धोखा केवल दो बार हुआ है, पहली बार तुम्हारे वी ने दिया और आज तुमने। ठगने की जरूरत क्या थी, प्यार से मांग लेती। बा और बापूजी ही नहीं, मेरे बच्चे भी तुम्हें भीख में दे देते।”