भोपाल

शराब सस्ती हो या महंगी हो, शराब औषधि समान, ज्यादा पीना जहर जैसा : सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

Paliwalwani
शराब सस्ती हो या महंगी हो, शराब औषधि समान, ज्यादा पीना जहर जैसा : सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
शराब सस्ती हो या महंगी हो, शराब औषधि समान, ज्यादा पीना जहर जैसा : सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा एक बार फिर अजीब से बयान देकर प्रदेश की राजनीति में नया उबाल ला दिया. शराब सस्ती हो या महंगी हो, शराब औषधि का काम करती है. वो आयुर्वेद में शराब यानी अल्कोहल जो होता है, उसका सीमित मात्रा में औषधि का काम करता है और असीमित मात्रा में वो ज़हर होता है.

भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गई. भाजपा सांसद ने यहां अपने एक बयान में शराब को कम मात्रा में लेने पर औषधि की तरह काम करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सीमित मात्रा में शराब औषधि का काम करती है और असीमित मात्रा में ज़हर की तरह होती है. साध्वी प्रज्ञा के बयान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है और वायरल भी हो रहा है. गुरुवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, ‘शराब सस्ती हो या महंगी हो, शराब औषधि का काम करती है. वो आयुर्वेद में शराब यानी अल्कोहल जो होता है उसका सीमित मात्रा में औषधि का काम करता है और असीमित मात्रा में वो ज़हर होता है. इसको सबको समझना चाहिए, सुनना चाहिए और उसको अधिक लेने से जो नुकसान होते हैं उसको समझकर उसे बंद करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने शराबबंदी पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का समर्थन भी किया और कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी होनी चाहिए. इससे अपराध बढ़ते हैं और घर में क्लेश होता है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि ‘गोमूत्र पीने से फेफड़ों का इंफेक्शन दूर होता है. मैं खुद भी गोमूत्र अर्क लेती हूं और इसलिए मुझे अभी तक कोरोना के लिए कोई औषधि नहीं लेनी पड़ी और ना ही मुझे अभी तक कोरोना हुआ है.’ उनके इस बयान की लोगों ने आलोचना की थी और उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया था. साध्वी ने रतलाम के गांव सुराना में मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदूओं को परेशान करने पर कहा सभी धर्मों को सद्भावना के साथ रहना चाहिए. यदि कोई समस्या है तो शासन-प्रशासन स्तर पर निराकरण किया जाना चाहिए. किसी को भी पलायन करने की कोई जरूरत नहीं हैं. कांग्रेस ने सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने का काम किया है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती हमेशा तर्कपूर्ण बातें करती हैं.

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