भोपाल

मध्‍य प्रदेश में अब घर बैठे कर सकेंगे अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री

Paliwalwani
मध्‍य प्रदेश में अब घर बैठे कर सकेंगे अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री
मध्‍य प्रदेश में अब घर बैठे कर सकेंगे अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री

भोपाल :

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि जनता पर भरोसा कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाए, इससे अधिकारियों पर निर्भरता कम होगी और आमजन भी बिना किसी परेशानी के अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री स्वयं कर सकेंगे। प्रदेश में अब नागरिकों को घर बैठे अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री की सुविधा मिल सकेगी। इससे सब रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। प्रॉपर्टी खरीदना तो पूरे भारत में एक मुश्किल काम है परंतु मध्यप्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना भी उतना ही मुश्किल काम है।

राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए नया साफ्टवेयर भी बनाया जा रहा है। यह व्यवस्था आधार कार्ड पर आधारित रहेगी। घर बैठे प्रापर्टी रजिस्ट्री की सुविधा देने की योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 15 अगस्त यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। यह एक नया प्रयोग होगा जो सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने में अहम भूमिका निभाएगा।

बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट डिवाइस की आवश्यकता होगी

रजिस्ट्री के लिए संबंधित व्यक्ति को केवल एक बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट डिवाइस की आवश्यकता होगी, रजिस्ट्री करते समय इस डिवाइस पर अंगूठा लगाने पर उस व्यक्ति के आधार की सभी जानकारी पोर्टल पर दिखाई देगी, इसमें संबंधित व्यक्ति का फोटो और हस्ताक्षर भी प्रदर्शित होगा। जिससे पहचान करना आसान होगा। संपत्ति की शेष जानकारी पोर्टल पर पहले से दर्ज होगी, इस आनलाइन व्यवस्था में प्रापर्टी की कीमत का मूल्यांकन कर पंजीयन शुल्क और सरकारी मूल्य स्वत: प्रदर्शित होगा। इससे कम मूल्य पर रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी। इस कार्य में राजस्व विभाग की भी मदद ली जा रही है।

अधिकारियों पर निर्भरता कम करना मुख्यमंत्री की मंशा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि जनता पर भरोसा कर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाए, इससे अधिकारियों पर निर्भरता कम होगी और आमजन भी बिना किसी परेशानी के अपनी प्रापर्टी की रजिस्ट्री स्वयं कर सकेंगे। वर्तमान में रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार की मौजूदगी में ही रजिस्ट्री की जाती है, इससे धन और समय दोनों का व्यय होता है। नई व्यवस्था से रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से आपका स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट डिवाइस बन जाता है और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए ना तो रजिस्टार के ऑफिस जाना पड़ता है और ना ही किसी दलाल के दरवाजे पर। 

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