भोपाल
सीएम शिवराज की बड़ी घोषणा : भगोरिया उत्सव राजकीय पर्व और सांस्कृतिक धरोहर माना जाएगा
Paliwalwaniभोपाल. अलीराजपुर में भगोरिया उत्सव में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा की है कि अब से भगोरिया लोक उत्सव राजकीय पर्व और सांस्कृतिक धरोहर माना जाएगा। उन्होवे कहा कि ‘भगोरिया जनजातीय परंपरा का अभिन्न उत्सव है। हम फैसला कर रहे हैं कि भगोरिया को राजकीय पर्व व सांस्कृतिक धरोहर माना जाएगा।’ अलीराजपुर में आयोजित ‘भगोरिया उत्सव’ में अपनी पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ मुख्यमंत्री ने सहभागिता की और यहां कई तरह की घोषणाएं की। उन्होने कहा कि हमारे जनजातीय पर्व और उनकी लोक कलाएँ बनीं रहें, उनका उत्सव और आनंद बना रहे इसके लिए सरकार भी इन पर्वों के आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
भगोरिया पर्व की खास बातें
बता दें कि भगोरिया उत्सव जनजातिय समाज में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। मान्याता है कि भगोरिया की शुरुआत राजा भोज के समय शुरू हुई। मध्यप्रदेश में झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खंडवा, धार, बड़वानी और करड़ावद सहित कुछ और इलाकों में ये पर्व मुख्य रूप से मनाया जाता है।आदिवासी समाज होली के पर्व को भगोरिया उत्सव के रूप में मनाते हैं। ये उत्सव होलिका दहन से 7 दिन पूर्व शुरू हो जाता है और भगोरिया पर्व में युवाओं की खास भूमिका होती है। इस दौरान भगोरिया मेला लगता है और अब इसकी चर्चा दुनियाभर में होती है। इस मेले में युवा अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं और अपने प्रेम का इज़हार भी करते हैं। गुलाल लगाकर वो अपना प्यार जताते है और इसके बाद साथी की सहमति और परिवार की रजामंदी होने पर रिश्ते पर मुहर लगाने के लिए एक दूसरे को पान खिलाते हैं। मेले में ग्रामीण ढोल-मांदल एवं बांसुरी बजाते हुए पारंपरिक गायन और नृत्य करते हैं, ताड़ी पीते और मस्ती में झूमते हैं। युवतियां पारंपरिक आभूषण पहनती हैं और हाथों में रंगीन रुमाल लिए गोल घेरा बनाकर सुंदर नृत्य करती हैं। इस तरह ये लोक संस्कृति का एक बेहद रंगीन और सुंदर पर्व है जिसे अब सरकार ने सहेजने की घोषणा कर दी है।