ज्योतिषी
शुरू होने वाला है सबसे कष्टकारी पंचक, बिल्कुल भी न करें ये काम, वरना मृत्यु के समान झेलेंगे दर्द!
PushplataPanchak November 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माह के हर पांच दिन ऐसे होते है जिसमें किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इसे पंचक के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,चंद्रमा के इन पांच नक्षत्रों में जाने से पंचक बनता है। चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि और हर एक दिन नक्षत्र परिवर्तन करते है जिसका असर हर किसी जातक के जीवन पर पड़ता है। बता दें कि हर माह इन पांच दिनों में चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है। इस दौरान पंचक लग जाते हैं। इसके साथ ही सप्ताह के जिस दिन पंचक आरंभ हुआ है। उसी के हिसाब से पंचक अच्छे या बुरे माने जाते हैं। बता दें कि नवंबर माह में 9 नवंबर 2024 को पंचक आरंभ हो रहे हैं। शनिवार के दिन से आरंभ होने के कारण इन्हें मृत्यु पंचक कहा जाएगा, जो सबसे खराब पंचक माने जाते हैं। आइए जानते हैं कब से कब तक है पंचक और क्या करें, क्या नहीं…
नवंबर में कब से कब तक पंचक?
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवंबर माह में पंचक 9 नवंबर को रात 11 बजकर 27 मिनट से आरंभ हो रहे हैं, जो 14 नवंबर को सुबह 3 बजकर 11 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं।
शनिवार को आरंभ हुए पंचक क्यों है कष्टकारी?
शनिवार के दिन आरंभ होने वाले पंचकों को मृत्य़ु पंचक कहा जाता है। इसे सबसे ज्यादा कष्टकारी माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना औरों दिनों से ज्यादा करना पड़ता है। इसके साथ मृत्यु पंचक के दौरान दुर्घटना होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
मृत्यु पंचक के दौरान क्या करें और क्या नहीं
- मृत्यु पंचक के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि पंचक के दौरान क्या करें और क्या नहीं…
- मृत्यु पंचक के दौरान चारपाई, बेड, पलंग आदि बनाने की मनाही होती है इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- मृत्यु पंचक के दौरान छत डालने की मनाही है। मान्यता है कि पंचक के दौरान डाली गई छत के नीचे रहने के कभी भी सदस्यों के बीच सुख-शांति नहीं रहती है।
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने की मनाही होती है। अगर आपको किसी कारण जाना पड़ रहा है, तो हनुमान जी की पूजा करने के साथ उन्हें फल का भोग लगाएं।
- पंचक काल के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो गई है, तो पंचक दोष से बचने के लिए शव के साथ 5 कुश या आटा के पुतले बनाकर अर्थी पर रखे जाते हैं। इनका भी विधिवत अंतिम संस्कार किया जाता है।