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शारदीय नवरात्रा घट स्थापना स्वार्थ सिद्धि मुहुर्त योग 17 अक्टूबर शनिवार से प्रारंभ : महर्षि बाबूलाल शास्त्री

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शारदीय नवरात्रा घट स्थापना स्वार्थ सिद्धि मुहुर्त योग 17 अक्टूबर शनिवार से प्रारंभ : महर्षि बाबूलाल शास्त्री
शारदीय नवरात्रा घट स्थापना स्वार्थ सिद्धि मुहुर्त योग 17 अक्टूबर शनिवार से प्रारंभ : महर्षि बाबूलाल शास्त्री

टोंक । आश्विन शुक्ला प्रतिपदा 17 अक्टूबर शनिवार को शारदीय नवरात्रा का प्रारम्भ हो रहा है। घट स्थापना देवी का आहवान के लिये देवी पुराण व तिथि तत्व में प्रातःकाल प्रतिपदा तिथि एंव द्विस्वभाव लग्न में घट स्थापना करना सर्वश्रेष्ठ बताया गया है तथा चित्रा नक्षत्र एंव वैधृति योग को वर्जित बताया गया है । 17 अक्टूबर शनिवार को सूर्योदय प्रातः 6.31 बजे होगा एवं प्रतिपदा तिथि रात्रि 9.08 बजे तक रहेगी, चित्रा नक्षत्र स्वामी मंगल राशि, तुला स्वामी शुक्र सूर्योदय से दिन में 11.51 बजे तक  है। उपरांत स्वाति नक्षत्र स्वामी राहू 11.51 बजे से स्वार्थसिद्वि योग रहेगा। विष्कुम्भ योग रात्रि 9.21 बजे तक रहेगा। चित्रा नक्षत्र सुबह 11.51 बजे तक है, जिसके दो चरणों को त्याग कर घट स्थापना की अनुमति प्रदान की जाती है। अतः द्विस्वभाव कन्या लग्न प्रातः सूर्योदय से पूर्व 4.32 बजे से 6.31 बजे तक शुभ का चौघडिय़ा प्रातः 7.57 से 9.22 बजे तक, चर का दिन में 12.12 से 1.37 बजे तक लाभ का दोपहर 1.37 से 3.02 बजे तक अमृत का दोपहर 3.02 बजे तक, अमृत का 3.02 बजे से 4.27 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहुर्त दोपहर 11.49 से 12.35 बजे तक  रहेगा जो शुभ है। घट स्थापना दोपहर 11.51 बजे से स्वार्थ सिद्धि योग में अभिजीत मुहूर्त 11.49 से 12.35 बजे तक द्विस्वभाव धनु, लग्र दिन में 11.16 बजे से दोपहर 1.21 बजे तक चर का चौघडिय़ा दोपहर 12.12 से 1.37 बजे तक सर्वश्रेष्ठ एवं उत्तम समय है । मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान के निदेशक बाबूलाल शास्त्री ने तिथि वार नक्षत्र योग के लिये बताया कि 17 अक्टूबर शनिवार  प्रतिपदा तिथि से 26 अक्टूबर सोमवार दशमी तिथि तक दस नवरात्रा पूर्ण होगें, 17 अक्टूबर शनिवार दिन में 11.51 बजे से 18 अक्टूबर रविवार सूर्योदय तक, 19 अक्टूबर सोमवार सूर्योदय से 20 अक्टूबर सुबह 3.52 बजे तक, 24 अक्टूबर शनिवार सूर्योदय से 25 अक्टूबर रविवार सूर्योदय पूर्व 2.38 बजे तक स्वार्थसिद्वि योग है। 19 अक्टूबर सोमवार सुबह 6.07 से 20 अक्टूबर मंगलवार सुबह 3.51 बजे तक, 21 अक्टूबर बुधवार सुबह 2.11 बजे से 22 अक्टूबर गुरूवार सुबह 1.12 बजे तक, 25 अक्टूबर रविवार सुबह 2.37 बजे से, 26 अक्टूबर सोमवार सुबह 6.36 बजे तक रवि योग है। 17 अक्टूबर शनिवार सुबह 6.31 से रात्रि 9.09 बजे तक, 21 अक्टूबर बुधवार सुबह 9.08 बजे से, 22 अक्टूबर गुरूवार सुबह 6.34 बजे तक, 25 अक्टूबर रविवार सुबह 7.42 बजे से, 26 अक्टूबर सोमवार सुबह 9 बजे तक अमृत योग है। 20 अक्टूबर मंगलवार सुबह 6.33 बजे से दिन में 11.19 बजे तक, 24 अक्टूबर शनिवार सुबह 6.35 बजे से, 25 अक्टूबर रविवार सुबह 6.32 बजे तक राजप्रद योग है। बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि इनमें की गई तंत्र मंत्र यंत्र साधना सिद्वि दायक है एवं  वाहन आभूषण सफेद वरूत्रों की खरीद व्यापार मशीनरी आदि कार्य शुभारम्भ करने के  सर्वश्रेष्ठ योग हैं, वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण से सभी को अपने-अपने ईष्ट देव की घर पर ही पूजा आराधना करनी है। 23 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 6.57 बजे तक सप्तमी उपरांत अष्टमी है। अतः दुर्गा पूजन रात्रि वालों का इसी दिन होगा। 25 अक्टूबर रविवार नवमी तिथि सुबह 7.42 बजे तक उपरांत दशमी तिथि है। अतः इसी दिन विजयदशमी पर्व मनाया जायेगा।

● महर्षि-बाबूलाल शास्त्री 

मनु ज्योतिष एंव वास्तु शोध संस्थान टोंक

बड़वाली हवेली के सामने सुभाष बाजार टोंक 

● संपर्क संवाद : 9413129502, 9261384170

● पालीवाल वाणी ब्यूरों...✍️

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