ज्योतिषी

Shani Gochar 2025: नये साल में इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती और ढैय्या, बढ़ेंगी मुश्किलें, धनहानि के साथ सेहत खराब के योग

Pushplata
Shani Gochar 2025: नये साल में इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती और ढैय्या, बढ़ेंगी मुश्किलें, धनहानि के साथ सेहत खराब के योग
Shani Gochar 2025: नये साल में इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती और ढैय्या, बढ़ेंगी मुश्किलें, धनहानि के साथ सेहत खराब के योग

Shani Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। साथ ही शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। साथ ही तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है। आपको बता दें कि शनि देव एक राशि से दूसरी राशि में लगभग ढ़ाई साल बाद गोचर करते हैं।

आपको बता दें कि जब भी शनि देव गोचर करते हैं तो कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होती है तो कुछ पर इसका प्रभाव समाप्त होता है। आपको बता दें कि साल 2025 की शुरुआत में शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव शुरू होगा। आइए जानते हैं ये राशि कौन सी हैं…

इन राशियों पर शुरू होगी साढ़ेसाती

वैदिक ज्योतिष अनुसार मार्च 2025 में शनि अपनी कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिसके स्वामी गुरु ग्रह हैं। वहीं गुरु में गोचर करते ही मकर राशि वालों की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी और मेष राशि के जातकों की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। वहीं मीन राशि पर दूसरे चरण की, और कुंभ राशि पर तीसरे एवं अंतिम चरण की  साढ़ेसाती का असर होगा।

इन राशियों पर शुरू होगी ढैय्या

साथ ही शनि देव के मीन राशि में गोचर करते ही शनि की ढैया वृश्चिक राशि के लिए समाप्त होगी और धनु राशि के लिए शुरू होगी। कर्क राशि के लिए कंटक शनि का प्रभाव समाप्त होगा, जबकि सिंह राशि के लिए यह प्रभाव शुरू होगा।

मेष राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव

 शनि देव मेष राशि की गोचर कुंडली में दशम और एकादश भाव के स्वामी रहेंगे और द्वादश भाव में भ्रमण करेंगे, जिससे मेष राशि की साढ़ेसाती का आरंभ होगी। साथ ही शनि की दृष्टि दूसरे, छठे, और नवें भाव पर पड़ेगी, जिससे लंबी यात्राओं का योग तो बनेगा। लेकिन आपके खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही आंखों और पैरों से संबंधित रोग उत्पन्न हो सकते हैं। वहीं  आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है और बीमारियां प्रभावित कर सकती हैं। जुलाई से नवंबर के बीच शनि जब वक्री होंगे, तो आपको विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।

 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News