आपकी कलम

जीत या हार नहीं : केवल खेल कार्य में एक प्रकार का मनोरंजन और उत्साहजवर्धक

Paliwalwani
जीत या हार नहीं : केवल खेल कार्य में एक प्रकार का मनोरंजन और उत्साहजवर्धक
जीत या हार नहीं : केवल खेल कार्य में एक प्रकार का मनोरंजन और उत्साहजवर्धक

आज कल खेल में हार/जीत को लेकर कई प्रकार के विवाद देखने को मिल जाते हैं, परन्तु यहां नहीं भूलना चाहिए कि खेल केवल एक मनोरंजन का साधन होकर उत्साहवर्धक और प्रोत्साहित करने का एक साधन हैं. खेल, कई नियमों एवं रिवाजों द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है. खेल सामान्य अर्थ में उन गतिविधियों को कहा जाता है, जहाँ प्रतियोगी की शारीरिक क्षमता खेल के परिणाम (जीत या हार) का एकमात्र अथवा प्राथमिक निर्धारक होती है, लेकिन यह शब्द दिमागी खेल (कुछ कार्ड खेलों और बोर्ड खेलों का सामान्य नाम, जिनमें भाग्य का तत्व बहुत थोड़ा या नहीं के बराबर होता है) और मशीनी खेल जैसी गतिविधियों के लिए भी प्रयोग किया जाता है. जिसमें मानसिक तीक्ष्णता एवं उपकरण संबंधी गुणवत्ता बड़े तत्त्व होते हैं.

सामान्यतः खेल को एक संगठित, प्रतिस्पर्धात्मक और प्रशिक्षित शारीरिक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें प्रतिबद्धता तथा निष्पक्षता होती है. कुछ देखे जाने वाले खेल इस तरह के गेम से अलग होते है, क्योंकि खेल में उच्च संगठनात्मक स्तर एवं लाभ (जरूरी नहीं कि वह मौद्रिक ही हो) शामिल होता है. उच्चतम स्तर पर अधिकतर खेलों का सही विवरण रखा जाता है और साथ ही उनका अद्यतन भी किया जाता है, जबकि खेल खबरों में विफलताओं और उपलब्धियों की व्यापक रूप से घोषणा की जाती है.

बचपन का खेल.एसोसिएशन फुटबॉल, ऊपर दिखाया गया है, एक टीम खेल है जो सामाजिक कार्यों को भी प्रदान करता है. जिन खेलों का निर्णय निजी पसंद के आधार पर किया जाता है, वे सौंदर्य प्रतियोगिताओं और शरीर सौष्ठव कार्यक्रमों जैसे अन्य निर्णयमूलक गतिविधियों से अलग होते हैं, खेल की गतिविधि के प्रदर्शन का प्राथमिक केंद्र मूल्यांकन होता है, न कि प्रतियोगी की शारीरिक विशेषता। (हालाँकि दोनों गतिविधियों में “प्रस्तुति“ या “उपस्थिति“ भी निर्णायक हो सकती हैं). खेल अक्सर केवल मनोरंजन या इसके पीछे आम तथ्य को उजागर करता है कि लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करने की आवश्यकता है.

हालाँकि वे हमेशा सफल नहीं होते है. खेल प्रतियोगियों से खेल भावना का प्रदर्शन करने और विरोधियों एवं अधिकारियों को सम्मान देने व हारने पर विजेता को बधाई देने जैसे व्यवहार के मानदंड के पालन की उम्मीद की जाती है. राजस्थान के खेल गिल्ली डंडा और हाथों लिया चार्ली नारियो लुक मिचली प्रसिद्ध खेल रहे हैं इन से शरीर को बहुत फायदा होता था वह रात को सारी बस्ती की लड़कियों और लड़कों के साथ खेलने में मजा ही कुछ और था.

खेल की कला के साथ कई समानताएं हैं. आइस स्केटिंग व ताई ची और उदाहरण के लिए डाँस स्पोर्ट, ऐसे खेल हैं जो कलात्मक नजरिये के करीब होते हैं. इसी प्रकार, कलात्मक जिमनास्टिक, शरीर सौष्ठव, पार्कआवर, प्रदर्शन कला, योग, बेसबॉल, ड्रेसेज, पाक कला जैसी गतिविधियों में खेल और कला दोनों के तत्त्व दिखते हैं. शायद इसका सबसे अच्छा उदाहरण बुल फाइटिंग (साँडों से लड़ना) है. जिनकी खबरें समाचार पत्रों के कला पन्नों में छापी जाती हैं. वस्तुत : कुछ स्थितियों में खेल, कला के इतने करीब होता है कि वह संभवत : खेल की प्रकृति से संबंधित हो जाता है. उपर्युक्त "खेल" की परिभाषा एक गतिविधि का विचार व्यक्त करती है, जो सामान्य प्रयोजनों के लिए नहीं होती, उदाहरण के लिए दौड़ना केवल कहीं पहुंचने के लिए नहीं होता, बल्कि अपने लिए दौड़ना है, जैसे कि हम दौड़ने में सक्षम हैं.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
GOOGLE
Latest News
Trending News