आपकी कलम

म्हूँ फिदा वैईगी : राजेन्द्र सनाढ्य राजन

paliwalwani
म्हूँ फिदा वैईगी : राजेन्द्र सनाढ्य राजन
म्हूँ फिदा वैईगी : राजेन्द्र सनाढ्य राजन

म्हारी घरवाळी बोली, 

आल्तक उमर वी अठावन,

माखा ई पड़वा लागी ग्यां,

आप रे मुंडा पे भना- भन। 

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जवानी मा कस्या रेवता,

आप एकदम ऐ- वन, 

म्हूँ आप पे फिदा वैईगी, 

म्हने आद हैं आज भी वो दन। 

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क ई बाल हा आप रा, 

म्हारे घणा हा मन-भावन, 

ज्यूँई म्हूँ वणा ने छूवती,

काया मा वैतों झन्न-झन्न। 

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अजय देवगन जसी चाल ही, 

गोविन्दा जस्या हा नयन, 

जूँई नजरा मलती आपाणी,

म्हूँ वेई जाती पूरी हन- बन। 

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कतरा बढ़्या लागता हा, 

रेता आप हमेसा बंण-ठंण, 

अबे मर्या उन्दरा जूँ आप मु,

वाना आई री हैं छंण-छंण। 

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अबाणु ई क ई आपो नाक्यों,

फरो नोळ्या जूँ घन- मन, 

काया बुढ़ी वी तो क ई, 

राजन बुढ़ो थौड़ी व्यो मन। 

राजन बुढ़ो थौड़ी व्यो मन।। 

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राजेन्द्र सनाढ्य राजन

व्याख्याता- रा उ मा वि नमाना नि-कोठारिया, जि-राजसमंद

(राजस्थान) 99829807774

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