आपकी कलम
प्रिय जन, सभी रिस्तेदार, दोस्त, ओर व्यापारी बंधुओ को संदेश : D.S.Paneri
paliwalwani.comहम आर्थिक चुनौतियों के दौर में हैं. व्यापार या काम धन्धा ठप्प हो गया. पेमेंट नहीं आ रही, बिक्री न के बराबर है. याद रखना है कि ये हालात हमारी वजह से नहीं आए हैं. आप ख़ुद को दोष न दें. न हार, अपमानित महसूस करें. रास्ता नज़र नहीं आएगा लेकिन हिम्मत न हारें. कम से कम खर्च करें. किस्तों मेँ कटौती करे. अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर अकेले न रहें. दोस्तों से बात करें, रिश्तेदारों से बात करें. चिडचिड न करे
किसी तरह का बुरा ख्याल आए तो न आने दें. जीने के लिए बहुत जरूरी है कि हमेशा अच्छा सोचे. सकारात्म सोच आपके परिवाज को नया जीवन देगी. कोरोना हो भी गया होतो. सोचे सामान्य बीमारी...मामुली है...अपने आपको सबसे पहले...सतर्क रहकर...अपनों को शक्ति प्रदान करें...हंसते रहे...मुस्कुराते रहे...जीवन अनमोल है...अपने परिजनों ओर दोस्तों के लिए जीए...लापरवाही ना करें...कठिन दौर है...आया है तो निकल भी जाएगा...सुबह होती है...तो रात भी होती है...फिर नई सुबह होती है...बस इसी बात का ख्याल रखिए...
इस स्थिति से कोई नहीं बच सकता. धीरे-धीरे खुद को पहाड़ काट कर नया रास्ता बनाने के लिए तैयार करें. अपनी जबान, भाषा या सोच ख़राब न करें. परीवार को लेकर चले बड़ों से बदसलुकी न करे. कुछ भी हो जाए, जीना है, कल के लिए. धीरज रखें. कम में जीना है. यह वक्त हमारा इम्तहान लेने आया है. भरोसा रखिए जब हम एक बार शून्य से शुरू कर यहाँ तक आये थे, तो एक और बार शून्य से शुरू कर हम कहीं से कहीं पहुँच जाएँगे. बस यूँ समझिए कि हम लूडो (सांप सीढ़ी) खेल रहे थे. 99 पर साँप ने काट लिया है लेकिन हम गेम से बाहर नहीं हुए हैं. क्या पता कब सीढ़ी मिल जाए. थोड़े दिन झटके लगेंगे, उदासी रहेगी, लेकिन हँसते-मुस्कराते रहिये. हम दोबारा बैलगाड़ी से शुरुआत करके मर्सिडीज तक पहुंचने का हौसला रखते हैं. अपनी सेहत का ध्यान रखें. अपने आपको परिवार को बीमारी से बचाकर रखें यही हमारी इस साल की कमाई है.
हमेशा अच्छा सोचे...परिवार के लिए सोचे....उन सेवादारों के बारे में सोचे जो सेवा आपको और आपके परिवार को दे रहे है...अपना परिवार आपको मान कर सेवा दे रहे है, उन्हें भी प्रोत्साहित कीजिए....क्योंकि उनके भी माता-पिता...पत्नी और बच्चों को छोड़कर आपका जीवन बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे है...
D.S.Paneri...✍️
मेनारिया ब्राह्मण समाज
? सदैव सकारात्मक रहे ?