आपकी कलम
कोरोना की स्थिति सच में भयावह है : डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'
paliwalwani.com
वर्तमान में इंदौर की स्थिति बहुत ज़्यादा ख़राब है। पहले अस्पताल में मरीज़ को भर्ती करवाने के लिए संघर्ष है, फिर नर्स आदि स्टाफ़ ठीक से देख लें, ध्यान दे दें, उसके लिए संघर्ष, फिर रेमडेसीवर और अन्य इंजेक्शन के लिए मारा-मारी, उसके बायपेप, ऑक्सीज़न की सप्लाई, दवाई, वेंटिलेटर के लिए दौड़भाग है। इन सब के बाद ईश्वर न करे पर यदि मरीज़ का निधन हो जाए तो उसकी डेड बॉडी, अंतिम संस्कार, सामाजिक रस्मों के लिए संघर्ष करना है। मतलब, कुल मिलाकर कोरोना हो जाने के बाद भी संघर्ष ही संघर्ष है, मरीज़ तो जीवन-मृत्यु से लड़ रहा है और मरीज़ के अलावा परिजन, दोस्त, रिश्तेदार सभी भागदौड़ और परेशानी से त्रस्त हैं। महंगाई खतरनाक है, दवाओं की कालाबाजारी हो रही हैं। इसीलिए अपने पैर घरों में रखें, अत्यावश्यक हो तब ही घर से बाहर निकलें, वो भी पूर्ण सावधानी के साथ। मास्क लगाएँ, सेनेटाइज़ करें व सारी गाइडलाइन्स का पालन करें। संघर्ष तगड़ा है, कोरोना भयावह है।
▪️ मास्क जरूर पहनें
▪️ जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें
▪️ आकर गरम पानी से स्नान करें।
▪️ बच्चे और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
▪️ इस समय का अफ्रीकन स्ट्रैन पूरे परिवार को एक साथ चपेट में लेता है।
▪️ परिवार की खातिर सचेत रहें और सुरक्षित रहें
● डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'
इंदौर