आपकी कलम
छावा : रोंगटा ऊबा वैईग्या
paliwalwani
पूछों मती जूँई,
फिलम देखी छावा,
रोंगटा ऊबा वैईग्या,
आँसू लागा छळछळावां।
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आँखा मोटी वैईगी,
बावां लागी फड़फड़ावां,
मीनेई- मीने देस-भगति,
उछाळा लागी खावां।
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दोई मुठ्यां भींचाई गी,
दाँत लागा कटकटावां,
मुंडो हर- हर महादेव,
जय भवानी लागो गावां।
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मीनू आतमा राजन,
घणी लागी छटपटावां,
खून उकळ वां लागो,
देवां लागो बुलावां।
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धन छत्रपति शिवाजी,
धन सम्भा जी छावा,
दुसमणां रो खोज गयो,
आप दुनियाँ मा पूजाया।
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तुंबा ऊपरे आई स जा,
पाणी मा कतराई छुपावां,
सच्चाई छुपावां ऊँ नी छुपे,
भली विने कतरी छुपावां।
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राजन समय रो फेर हैं,
म्हा तो मौज मनावां,
म्हानें वीरां पे नाज हैं,
नित अणा रा गुण गावां।
नित अणा रा गुण गावां।।
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राजेन्द्र सनाढ्य राजन
नि-कोठारिया, जि-राजसमंद, राजस्थान M. 9982980777