पोर्न फिल्मों के कारोबारी राज कुंद्रा ने 2 साल में अपने ऐप के यूजर्स 3 गुना और मुनाफा 8 गुना बढ़ाने का प्लान बनाया था। वह अपनी 119 फिल्मों का पूरा कलेक्शन 8.84 करोड़ रुपए में बेचना चाहता था। उसके एक ऐप पर पाबंदी लग गई, तो उसने दूसरा ऐप भी बनवा लिया था। कुंद्रा डिजिटल मीडिया से अवैध तरीके से पैसा कमाने के सारे पैंतरे आजमा रहा था। जब भंडाफोड़ हुआ तो उसने कुछ डेटा डिलीट करके अपने आप को बचाने की कोशिश की, पर मुंबई पुलिस की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दिए गए ब्योरे से पता चलता है कि राज का यह पैंतरा नाकाम रहा।
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राज जानता था कि उसका काम गैरकानूनी है और वह फंस सकता है। इस बात का सबूत यह है कि उसने बहुत सारा डेटा डिलीट करने की कोशिश की थी। गूगल प्ले और एपल स्टोर ने 'हॉटशॉट' ऐप पर पोर्न कंटेंट होने की वजह से उसे प्रतिबंधित कर दिया था। उसके बाद राज ने दूसरा ऐप ‘बोली फेम’ बनवा लिया था, पर उसने 'हॉटशॉट' का सारा डेटा भी डिलीट करने के लिए अपने IT डिपार्टमेंट को बोल दिया था। इस साल फरवरी में पुलिस केस के बाद राज ने अपने मोबाइल से 'हॉटशॉट' ऐप के बारे में वॉट्सऐप मैसेज और चैट भी डिलीट कर दिए थे। रयान थारप के मोबाइल से भी डेटा डिलीट करवा दिया था।
यह सारा डेटा डिलीट करवा के राज ने मान लिया था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाएगी। इसलिए पुलिस ने जब पहली बार नोटिस भेजा, तो राज ने ‘क्या मैं आरोपी हूं, मैं इस लेटर पर सिग्नेचर नहीं करूंगा’ ऐसा कहकर नकार दिया था। चार्जशीट में बताया गया है कि राज ने कभी पुलिस को सही तरीके से उत्तर नहीं दिया। पुलिस कार्रवाई में सपोर्ट भी नहीं किया।
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पुलिस ने राज की कंपनी विहान इंटरप्राइज में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को गवाह बनाया है। अकाउंट, IT और दूसरे डिपार्टमेंट में काम करने वाले कर्मचारियों से मिले डेटा और बयानों से राज के पोर्न कारोबार की जानकारी मिली। गूगल प्ले और यूट्यूब के ईमेल से भी कन्फर्म हुआ। राज के ‘हॉटशॉट’ ऐप से पोर्न कंटेंट दिखाया जाता था। गूगल प्ले और यूट्यूब ने ‘हॉटशॉट’ ऐप प्रतिबंधित कर दिया गया था। एपल ने भी अपने स्टोर से यह ऐप हटा लिया था। वह सारे ईमेल पुलिस को हाथ लगे हैं।
राज ने 119 फिल्मों के सौदे के लिए बात चलाई थी। एक वॉट्सऐप चैट में राज ने बताया है कि उसने 119 फिल्मों की लिस्ट भेजी है। यह फिल्मों के बदले में वह 12 लाख डॉलर (8.84 करोड़ रुपए) मांग रहा था। राज ने चैट में यह भी बताया है कि वह जो भेज रहा है, वह पूरी कंटेंट लाइब्रेरी की लिस्ट है।
राज के IT मैनेजर रायन थारप का लैपटॉप बरामद किया गया। उसमें से अगले दो साल के लिए ग्राहक संख्या, कंटेंट कोस्ट, बाकी खर्च और आवक के टारगेट की समरी मिली है। इसमें कंटेट जनरेट करने के खर्च के बारे में बताया गया है। इसलिए माना जा रहा है कि यह किसी ऐप बिजनेस का प्रोजेक्शन है। यह प्रोजेक्शन यूएस डॉलर में है, इसका मतलब यह ऐसे ही कंटेंट के बारे में है, जो विदेश में बेचा जाने वाला था। यह ऐप चलाने वाला यश ठाकुर यूपी के कानपुर का मूल निवासी है, पर फिलहाल वह सिंगापुर में है। वह भी पुलिस की पहुंच से बाहर है।