इंदौर. 90 साल पुराना रीगल टॉकीज 5 साल से बंद है, लेकिन इसमें रियल आग लगने का शो जारी है। सोमवार को बंद सिनेमा में सातवीं बार आग लग गई। धुआं उठता देख लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। पिछले बुधवार को भी यहां आग लगी थी। इतनी बार यह घटना हो चुकी है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चला कि आखिर यहां आग लगती कैसे है? अंदर कचरा, सिगरेट पीने वालों से आग लगने की आशंका
टॉकीज में आग लगने का मुख्य कारण वहां फैला हुआ कचरा बताया जा रहा है। गेट खुले होने से कोई भी व्यक्ति आसानी से अंदर आ जाता है। कई लोग अंदर नशा करते हैं, सिगरेट पीते हैं और वहीं फेंक जाते हैं। इसी से आग लग जाती है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि बार-बार आग लगने की घटना से हमारी टीम भी परेशान हो चुकी है।
नगर निगम ने लीज खत्म होने के बाद इस टॉकीज का कब्जा ले लिया, लेकिन उसके रखरखाव के कोई इंतजाम नहीं किए। न ही कोई सिक्योरिटी गार्ड है और न वहां पर सफाई होती है।
1934 में बना था यह टॉकीज सन् 1930 में महाराजा तुकोजीराव होलकर ने मनोरंजन केंद्र के लिए लीज पर धन्नालाल ठाकुरिया को यह जगह दी थी। 1934 में यहां टॉकीज बनकर तैयार हुआ था। इसमें महाराजा के लिए विशेष बॉलकनी बनाई गई थी, जिसमें बैठकर राजपरिवार के सदस्य फिल्म देखते थे।