उत्तर प्रदेश
अगर कोई हिंदू बोले की भारत में मुसलमान को नहीं रहना चाहिए, तो वो हिंदू नहीं: मोहन भागवत
Paliwalwani
उत्तर प्रदेश । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर अहम बयान देते हुए कहा कि भारत में हिन्दु-मुस्लिम की एकता की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वे अलग-अलग हैं ही नहीं। रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता की बात ही भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता। RSS प्रमुख मोहन भागवत डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार अहमद द्वारा लिखित पुस्तक ‘द मीटिंग्स ऑफ माइंड्स: ए ब्रिजिंग इनिशिएटिव’ के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहीं उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "अगर कोई हिंदू ये कहता है कि यहां किसी मुसलमान नहीं रहना चाहिए तो वो हिंदू नहीं है। हमारे लिए गाय पूजनीय है, लेकिन इसे लेकर लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व के खिलाफ हैं। उनके खिलाफ कानून बिना किसी भेदभाव के अपना काम करेगा।"
मोहन भागवत राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा गाजियाबाद में 'हिन्दुस्तानी प्रथम, हिन्दुस्तान प्रथम' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने देश के विकास पर बल देते हुए कहा कि "हम लोकतंत्र में हैं। यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता, सिर्फ भारतीयों का ही वर्चस्व हो सकता है। यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40,000 वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। हम सबके पूर्वज एक समान हैं। हमारे स्वार्थ अलग-अलग होंगे, पर समाज एक है।" मोहन भागवत ने कहा कि देश में एकता के बिना विकास संभव नहीं। एकता का आधार राष्ट्रवाद और पूर्वजों की महिमा होनी चाहिए।
इससे पहले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा था कि उनका संगठन एक ऐसा माहौल बनाने के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगा ताकि सरकार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को फिर से हासिल करने के अपने वादे पर काम करे।