उत्तर प्रदेश
ज्ञानवापी मस्जिद : मंदिर का धार्मिक स्वरूप नहीं बदल पाया औरंगजेब, हिंदू पक्ष
paliwalwaniज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले की सुनवाई आज (शुक्रवार को) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक बार फिर होगी. इस बीच खबर है कि हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. हिंदू पक्ष (Hindu Side) ने कहा कि औरंगजेब (Aurangzeb) आदि विश्वेश्वर के मंदिर के धार्मिक स्वरूप को नहीं बदल पाया.
हिंदू पक्ष ने दाखिल किया जवाब
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है. हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद न होकर असल में मंदिर है. ये संपत्ति हमेशा से आदि विश्वेश्वर की रही है. वो ही असली मालिक हैं. हिंदू सदियों से यहां पर अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाते रहे हैं.
मंदिर का धार्मिक स्वरूप नहीं बदल पाया औरंगजेब
हिंदू पक्ष के मुताबिक, औरंगजेब ने आदि विश्वेश्वर के मंदिर के हिस्से को गिराकर उसकी जगह ज्ञानवापी मस्जिद नाम की इमारत जरूर तामीर की, लेकिन वो इस जगह के धार्मिक स्वरूप को नहीं बदल पाया क्योंकि श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश और बाकी देवताओं की मूर्ति यहां हमेशा से रही है.
औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया
भारत में इस्लामिक शासन से हजारों साल पहले से है. आदि विश्वेश्वर की संपत्ति किसी को नहीं दी जा सकती. औरंगजेब ने शासक होने के चलते जबरन कब्जा किया. इससे मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिल जाता. हिंदू सदियों से उसी स्थल पर अपनी रीतियों का पालन और परिक्रमा कर रहे हैं. औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया. विवादित जगह मस्जिद नहीं है.
कोर्ट में पेश हो चुकी है ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वाराणसी की ट्रायल कोर्ट से कहा कि आज कोई आदेश न दे. सुप्रीम कोर्ट में आज फिर ज्ञानवापी मामले की सुनवाई होगी. वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में पेश हो चुकी है.