धर्मशास्त्र
प्राचीन भारत के गुरुकुल: आजादी से पहले भारत में कितने गुरुकुल थे
paliwalwani
भारत में आजादी से पहले लगभग 37,500 के आसपास गुरुकुल थे! देश होने के बाद आयाम ने पाश्चात्य संस्कृति की शिक्षा को बढ़ावा देने के कारण हमारे प्राचीन सनातन गुरुकुल गुरुकुल बंद हुए! और आज स्थिति ऐसी हो गई है कि हमारे देश में वर्तमान समय में गुरुकुलो की संख्या सैकड़ों में रह गई है!
गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था : हमारे प्राचीन गुरुकुलो में क्या पढ़ाया जाता था इसके बारे में अति आवश्यक हैं! क्योकि आज की जो शिक्षा प्रणाली हैं, वो गुरुकुल की शिक्षा के सामने सूर्य को दीपक दिखा रहे हैं! आज की शिक्षा प्रणाली में केवल किताबी ज्ञान पढ़ाया जाता है! मगर गुरुकुल में सिखाया जाता था! वह हम आपको नीचे बताते हैं! वाक्य पढ़ने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे!
1. सूर्य विद्या (सौर अध्ययन)
2. चन्द्र व लोक विद्या (चंद्र अध्ययन)
3. मेघ विद्या (मौसम पूर्वानुमान)
4. विद्युत विद्या विद्या (बैटरी)
5. सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy)
6. दिन रात्रि विद्या (दिन-रात पढ़ाई)
7. सृष्टि विद्या (अंतरिक्ष अनुसंधान)
8. खगोल विद्या (खगोल विज्ञान)
9. भूगोल विद्या (भूगोल)
10. काल विद्या (समय)
11. भूगर्भ विद्या (भूविज्ञान और खनन)
12. रत्न व धातु विद्या (रत्न और धातु)
13. आकर्षण विद्या (गुरुत्वाकर्षण)
14. प्रकाश विद्या (सौर ऊर्जा)
15. तार विद्या (संचार)
16. विमान विद्या
17. जलयान विद्या
18. अग्नेय अस्त्र विद्या (शस्त्र और गोला बारूद विद्या)
19. जीव जंतु विज्ञान विद्या (जूलॉजी बॉटनी विद्या)
20. यज्ञ विद्या (यज्ञ विद्या)
इस प्रकार की विद्यायें गुरुकुल में दी जाती थीं! परंतु समय के साथ-साथ गुरुकुल की शिक्षा लुप्त हो गई! आज के समय में वैदिक विज्ञान और शिक्षा के लिए गुरुकुल की पुनः स्थापना बहुत महत्वपूर्ण हो गई है
गुरुकुल में शिक्षा का विभाग : गुरुओं व अंशो को पता था कि किस प्रकार से चीजों को निर्देशित किया जाए या शिक्षा दी जाए। इसलिए छात्रों को तीन भागों में बांटा गया है!
1. 24 साल की उम्र तक शिक्षा प्राप्त करने वाले शिष्य को वासु कहा जाता था!
2. 36 साल की उम्र तक शिक्षा पाने वाले शिष्यों को रुद्र कहा जाता था!
3. और 48 साल की उम्र तक शिक्षा प्राप्त करने वाले शिष्यों को आदित्य कहा था! लेख के लिए 8527524513 को जरूर सेवकर मिस्डकॉल करें
भारत से गुरुकुल कैसे समाप्त हुआ : देश होने के बाद आयाम ने पाश्चात्य संस्कृति की शिक्षा को बढ़ावा देने के कारण हमारे प्राचीन सनातन गुरुकुल बंद हुए गए! और आज स्थिति ऐसी हो गई है कि हमारे देश में वर्तमान समय में गुरुकुलो की संख्या सैकड़ों में रह गई है!
अगर हम भारत को विश्वगुरु बना रहे हैं, तो भारत में खत्म होने वाले गुरुकुल को वापस खड़ा करना होगा! एवं सनातन धर्म के अनुसार आने वाली पीढ़ीयो को गुरुकुल की शिक्षा देने वाले भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकता है!