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पति से समझौते की शर्त में धर्म परिवर्तन की मांग: दहेज प्रताड़ना की शिकायत के बाद शर्त, धर्म बदलो तभी साथ रहूंगी..
PALIWALWANI
Bilaspur Conversion Case: बिलासपुर जिले के चकरभाठा थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना के एक मामले में उस समय नया मोड़ आ गया, जब पीड़ित पति ने समझौते के लिए पहुंचे कोर्ट में पत्नी से दोबारा साथ रहने की गुजारिश की और पत्नी ने शर्त रख दी कि पहले वह ईसाई धर्म (Christianity) अपना ले। इस अजीबोगरीब मांग से आहत पति ने चकरभाठा थाने में इसकी लिखित शिकायत की है। यह पूरा विवाद मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले से जुड़ा है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ पुलिस ने केस को शून्य (Zero FIR) में दर्ज कर जांच के लिए आगे मध्यप्रदेश ट्रांसफर कर दिया है।
2019 में हुई थी शादी, लेकिन रिश्तों में आई दरार
चकरभाठा थाना क्षेत्र के गोल्डन पार्क कॉलोनी में रहने वाले इंजीनियर मयंक पांडेय की शादी वर्ष 2019 में अनूपपुर जिले के आमाडांड निवासी रंजना पांडेय से हुई थी। मयंक फिलहाल बेरोजगार है, जबकि उसकी पत्नी गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (Gaurela-Pendra-Marwahi) जिले के कुम्हारी स्थित मुख्यमंत्री डीएव्ही स्कूल (Chief Minister DAV School) में शिक्षिका (Teacher) है।
शादी के बाद पारिवारिक तनाव बढ़ा और पत्नी रंजना अपने मायके चली गई। 26 सितंबर 2024 को रंजना ने अनूपपुर स्थित महिला थाने में मयंक और उसके माता-पिता के खिलाफ दहेज प्रताड़ना (Dowry Harassment) का मामला दर्ज करा दिया।
पत्नी ने धर्म परिवर्तन की बात कही, समझौते से किया इनकार
10 मार्च 2025 को जब इस मामले में कोर्ट में पेशी हुई, तब मयंक ने पत्नी से आपसी समझौते और दोबारा साथ रहने की बात की। इसी दौरान पत्नी ने मयंक को बताया कि अब वह ईसाई धर्म (Christianity) अपना चुकी है और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कुम्हारी स्थित मुख्यमंत्री डीएव्ही स्कूल की प्रिंसिपल ने उसका धर्म परिवर्तन करवाया है।
पत्नी ने समझौते के लिए साफ शर्त रख दी कि मयंक को भी ईसाई धर्म अपनाना होगा, तभी वह रिश्ते को दोबारा मौका देगी। यह सुनकर मयंक स्तब्ध रह गया और अपने परिवार से चर्चा कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मध्यप्रदेश भेजा जाएगा मामला, जांच के बाद होगा फैसला
चूंकि यह मामला अनूपपुर जिले का है, इसलिए चकरभाठा थाना पुलिस ने शून्य प्राथमिकी (Zero FIR) के तहत अपराध दर्ज कर केस को जांच के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है। अब देखना होगा कि धर्म परिवर्तन की यह शर्त न्यायिक प्रक्रिया में क्या मोड़ लाती है।