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नेत्रदान से बढ़कर कोई समाज सेवा नहीं : रक्तदानी लक्ष्मी सिंह

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नेत्रदान से बढ़कर कोई समाज सेवा नहीं : रक्तदानी लक्ष्मी सिंह
नेत्रदान से बढ़कर कोई समाज सेवा नहीं : रक्तदानी लक्ष्मी सिंह

नेत्रदान महादान है, नेत्रदान करें और दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाएं.

झज्जर : जिला मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसे वीरों की देवभूमि कहे जाने वाले गांव धरौली की सामाजिक संस्था मां-मातृभूमि सेवा समिति द्वारा मेडी जेईई करियर इंस्टीट्यूट, कोसली में सातवाँ नेत्रदान जागरूकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्यातिथि सुधराना गांव की रक्तदानी लक्ष्मी सिंह जी ने इस मौके पर कहा कि हमें सभी को नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए जिससे किसी अंधे व्यक्ति का जीवन उजाले से भर जाए. 

कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मेंद्र यादव जी, डायरेक्टर, मेडी जेईई करियर इंस्टीट्यूट, कोसली ने की. धर्मेंद्र यादव, डायरेक्टर ने कहा कि किसी के अंधेरे जीवन में रोशनी लाने से बड़ा कोई काम नहीं. विशेष अतिथि के तौर पर 14 बार रक्तदान कर चुके हरियाणवी लोक गायक अजीत कुमार रगीला जी थे. विशेष अतिथि ने कहा कि नेत्रदान महादान है, नेत्रदान करें और दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाएं.

इस नेत्रदान जागरूकता शिविर कार्यक्रम के अवसर पर किसी के जीवन में रौशनी लाने से बेहतर कोई दूसरा काम नहीं है को ध्यान में रखते हुए कोसली गांव निवासी राकेश कुमार यादव, हरियाणा राज्य परिवहन में कार्यरत, दडोली गांव से रक्तदानी प्रवीण कुमार, ममता यादव कोसली और वंदना यादव भाकली, 34 बार रक्तदान कर चुके रक्तदानी नितेश भोरिया जी कोसली व रक्तदानी मास्टर रोहित यादव कोसली आदि ने नेत्रदान के लिए संकल्प पत्र भरें.

इस अवसर पर नेत्रदान संकल्प पत्र भर चुके व सामाजिक कार्यों में अग्रणी शिक्षक डॉ महावीर सिंह कोसली व नेत्रदान संकल्प पत्र भर चुके मंजीत सिंह, श्री हँस बैग हाउस, कोसली ने अपने विचार साझा किया. डॉ. महावीर सिंह व मंजीत सिंह ने बताया कि नेत्रदान से लोगों के जीवन का अंधेरा दूर किया जहा सकता है. 

20 बार रक्तदान कर चुके युद्धवीर सिंह लांबा, अध्यक्ष, मां-मातृभूमि सेवा समिति, वीरों की देवभूमि धारौली ने नेत्रदान के लिए संकल्प पत्र भरने वाले सभी बुद्धिजीवियों का आभार व्यक्त किया. युद्धवीर सिंह लांबा ने कहा कि नेत्रदान एक पुण्य का काम हैं, क्योंकि इस दान से आप और हम किसी की जिंदगी में उजाला ला सकते हैं. युद्धवीर सिंह लांबा ने कहा कि विश्व के दृष्टिबाधित लोगों की एक बड़ी आबादी हमारे देश में रहती है. यह चिंता का विषय है.

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