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इलाज में घोटाला : उत्तराखंड के 10 हॉस्पिटल फर्जीवाड़ा में लिप्त : हुए निलंबित
paliwalwaniदेहरादून. डॉक्टर बन कर भी कोई हैवान बन जाए तो सरकार भी मत्था पीट लेती है, जहां मरीजों के बेहतर इलाज की जरूरत थी वहां फर्जी मरीजों के नाम पर फर्जी बेहतर इलाज करने का गोरखधंधा खुब चल रहा था. केवल सरकार और जनता को दिखाने के लिए कागजी कार्यवाही करते हुए अधिकारियों ने 10 हॉस्पिटल को निलंबित करने का निर्णय लिया.
मरीजों के इलाज के नाम पर एक और घोटाला सामने आया हैं. काशीपुर के केवीआर, कृष्णा अस्पताल और कृष्णा मेडिकल सेंटर समेत उत्तराखंड के 10 हॉस्पिटल को ईएसआई ने गड़बड़झाला करने पर अधिकृत सूची से हटा दिया. ये चिकित्सा संस्थान मरीजों के उपचार में चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों /बिलों में गड़बड़ी कर रहे थे.
कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने 4 मई 2024 को आदेश जारी कर फर्जीवाड़ा कर रहे, इन दस अस्पतालों को निलंबित कर दिया.
निदेशालय, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवाएं, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आच्छादित बीमांकितों एवं उनके आश्रितों को द्वितीयक स्तरीय चिकित्सकीय सुविधायें प्रदान कराये जाने के उद्देश्य से नगद सहित योजना के तहत निर्धारित नियम एवं शर्तों के अधीन निजी चिकित्सा संस्थानों को अनुबंधित किया गया था.
किन्तु इनके द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुबंधित चिकित्सा संस्थानो के द्वारा यू.टी.आई. पोर्टल पर जमा किये गये, देयकों की समीक्षा उपरांत संज्ञान में आया हैं कि कतिपय अनुबंधित चिकित्सा संस्थानों से प्राप्त चिकित्सा प्रतिपूर्ति दावों में भर्ती के मामलों में आने वाले उपचार का व्यय सामान्य से कहीं अधिक है, जिनका विवरण निम्नवत् है :
उपरोक्त निजी चिकित्सा संस्थानों के संबंध में सम्यक विचारोंपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि उक्त चिकित्सा संस्थानों को तत्काल प्रभाव से अग्रेत्तर आदेशों तक निलंबित किया जाता है साथ ही उक्त चिकित्सा संस्थानों को निर्देशित किया जाता है कि इस संबंध में अपना पक्ष एक माह के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.
संबंधित चिकित्सा संस्थानों में पूर्व से चिकित्सा उपचार प्राप्त कर रहे, भर्ती मरीजों का उपचार यथावत जारी रहते उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.