Thursday, 12 June 2025

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Joshimath Sinking : 12 हजार 398 घरों में से 603 घरों में तेजी से बढ़ रहीं दरारें : जोशीमठ शहर आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित

Paliwalwani
Joshimath Sinking : 12 हजार 398 घरों में से 603 घरों में तेजी से बढ़ रहीं दरारें : जोशीमठ शहर आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित
Joshimath Sinking : 12 हजार 398 घरों में से 603 घरों में तेजी से बढ़ रहीं दरारें : जोशीमठ शहर आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित

करीब तीन किमी क्षेत्रफल में फैला जोशीमठ शहर आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। शहर में स्थित 12 हजार 398 घरों में से 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें ऐसे कितने घर हैं, जो अब रहने के लिहाज से पूरी तरह से असुरक्षित हैं, स्थानीय प्रशासन की ओर से इसका सर्वेक्षण किया जाएगा। शासन की ओर से इस संबंध में शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।

उत्तराखंड :

उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। बताया जा रहा है कि जोशी मठ के बाद अब जमीन में हो रही दरारें कर्णप्रयाग तक पहुंच गई हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पीएमओ लगातार मामले की निगरानी कर रहा है। अब तक कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है। पीएम ने इसे लेकर आज एक हाईलेवल मीटिंग भी की। 

इससे पहले बीते दिवस सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा के निर्देशन में गई छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति दो दिन जोशीमठ का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। रिपोर्ट में पूरी तरह से असुरक्षित भवनों को गिराए जाने का उल्लेख किया गया था। अभी तक चिह्नित किए गए 603 घरों में से 68 भवनों को खाली करा लिया गया है। इन परिवारों को अस्थायी रूप से जोशीमठ में ही चिह्नित किए गए स्थलों में ठहराया गया है। समिति ने प्रभावित परिवारों के लिए फेब्रिकेटेड घर बनाए जाने की सिफारिश भी की है।

समिति के अध्यक्ष व सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिंहा बताया कि इस काम का जिम्मा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) सौंपा जाएगा। संस्थान से अगले दो दिन में इस संबंध में फेब्रिकेटेड घरों के डिजाइन, वेंडर इत्यादि की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

जोशीमठ में अपर बाजार में स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में भी गहरी दरारें आ गई हैं और भवन खतरे की जद में आ गया है। लोनिवि के इस गेस्ट हाउस में अक्सर वीआईपी के रुकने की व्यवस्था होती है लेकिन यह भी भू-धंसाव के प्रभाव से अछूता नहीं रहा। इसकी दीवारों, सीढ़ियों सहित कमरों में बड़ी-बड़ी और गहरी दरारें पड़ गई हैं और इसे बंद कर दिया गया है। वहीं अस्पताल, तहसील परिसर के भवन और बीएसएनएल के भवनों में भी कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गईं थीं।

इन भवनों में आई हैं दरारें

वार्ड का नाम-  भवनों की संख्या

गांधीनगर -             34

पालिका मारवारी-    28

लोवर बाजार-         24

सिंहधार-               56

मनोहरबाग-          80

अपर बाजार -       31

सुनील -               38

परसारी -             51

रविग्राम -           161

कुल -               603

यहां ठहराया गया है विस्थापित परिवारों को 

अस्थायी निवास            -    परिवारों की संख्या 

नगर पालिका परिसर -           18

प्राथमिक विद्यालय जोशीमठ  - 03

मिलन केंद्र सिंहधार  -            05

गुरुद्वारा जोशीमठ   -            09

सिंचाई विभाग कॉलोनी -       01

टूरिस्ट हॉस्टल, मनोहरबाग - 05 

प्राथमिक विद्यालय सिंहधार - 03

होटल द्रोणगिरी -                08

होटल नंदादेवी -                03

अन्य भवन -                     13

कुल -                              68

इन भवनों को भी किया गया है चिह्नित

जरूरत पड़ने पर अस्थायी रूप से लोगों के ठहराने के लिए अन्य भवन भी चिह्नित किए गए हैं। इनमें राजीव गांधी आवासीय विद्यालय, होटल शैलजा, होटल श्रीमन पैलेस, विवेक लॉज, होटल सैफायर, होटल ऑली डी, होटल तथास्तु और होटल अतिथि को भी स्थानीय प्रशासन की ओर से चिह्नित किया गया है। 

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