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J&K के अस्पतालों में अलर्ट, छुट्टियां रद्द : संवेदनशील इलाकों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई
paliwalwani
जम्मू-कश्मीर.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपजे हालात को देखते हुए जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में अलर्ट किया गया है। चिकित्सा स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। एलओसी और सीमा से सटे चिकित्सा केंद्रों में अतिरिक्त चिकित्सा स्टाफ तैनात किया गया है। संवेदनशील इलाकों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई गई है। शहरी स्तर पर जीएमसी में भी अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं।
आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से एलओसी और सीमांत क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलाबारी की आशंका को देखते हुए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इससे पहले भी दोनों देशों में तनाव के दौरान गोलाबारी से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को प्रभावित होना पड़ा है। जम्मू संभाग में कठुआ, सांबा, जम्मू में एक लंबा सीमांत क्षेत्र स्थापित है। इसी तरह पुंछ, उड़ी आदि एलओसी क्षेत्र में भी तनाव का असर दिख रहा है।
वर्ष 2018 के बाद से अमूमन सीमांत और एलओसी क्षेत्र गोलाबारी से शांत रहे हैं। लेकिन पहलगाम जैसे बड़े आतंकी हमले के बाद सीमा पार से गोलाबारी की आशंका बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से सीमा और एलओसी पर पाक लगातार सीज फायर का उल्लंघन कर रहा है। स्वास्थ्य निदेशक जम्मू डा. अब्दुल हमीद जरगर के अनुसार जम्मू संभाग के अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। विशेषतौर पर सीमांत और एलओसी में अधिक इंतजाम किए गए हैं। जीएमसी जम्मू में भी आपात सेवाओं को मजबूत बनाया गया है।
सिंधु जल संधि को निलंबित करने के केंद्र सरकार के फैसले पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। हमारा हमेशा से मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत है।