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विदेशी मुद्रा भंडारण में US को पछाड़ दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बना भारत
Paliwalwaniनई दिल्ली । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना महामारी के बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 6.842 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी किए आंकड़े
भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में हुई अच्छी वृद्धि है। यह कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है। इससे पहले 28 मई, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5।271 अरब डॉलर बढ़कर 598।165 अरब डॉलर हो गया था। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां आलोच्य सप्ताह के दौरान 7।362 अरब डॉलर बढ़कर 560।890 अरब डालर हो गईं।
दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश बना भारत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में इस नए रिकॉर्ड के साथ भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश बन गया है। खास बात यह है कि इस मामले में भारत ने अमेरिका को भी पछाड़ दिया है। अमेरिका का फॉरेक्स रिजर्व 142 अरब डॉलर ही है और यह लिस्ट में 21 वें स्थान पर है। जबकि सिंगापुर, हांगकांग समेत कई अन्य देश उससे भी पीछे हैं। अब इस लिस्ट में भारत से उपर केवल चीन, जापान, स्विटजरलैंड और रूस ही हैं।
10 लाख डॉलर तक घटा गोल्ड रिजर्व
गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में अंकित सम्पत्तियां भी शामिल हैं। आलोच्य सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार 50।2 करोड़ डॉलर घटकर 37।604 अरब डालर रह गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में विशेष आहरण अधिकार 10 लाख डॉलर घटकर 1।513 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश का आरक्षित भंडार भी 1।6 करोड़ डॉलर घटकर पांच अरब डॉलर रह गया।