Friday, 30 May 2025

मध्य प्रदेश

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण मामले में मुख्य अभियंता वर्मा द्वारा गुमराह करने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए विभागीय जांच के आदेश

paliwalwani
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण मामले में मुख्य अभियंता वर्मा द्वारा गुमराह करने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए विभागीय जांच के आदेश
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण मामले में मुख्य अभियंता वर्मा द्वारा गुमराह करने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए विभागीय जांच के आदेश

मुख्य अभियंता ने की कोर्ट से धोखाधड़ी...

भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लाेक निर्माण विभाग (PWD) के मुख्य अभियंता पर एक लाख रुपए की काॅस्ट लगाई है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जुर्माना की राशि उन्हें अपनी जेब से देनी होगी। जिसे हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति कोष में जमा करना होगा।

यह काॅस्ट मुख्य अभियंता एससी वर्मा द्वारा कोर्ट को गुमराह करने पर लगाया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ने मामले में लगातार कोर्ट के साथ धोखाधड़ी करते हुए गुमराह करने की कोशिश की है। कोर्ट ने विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं कि सीई के खिलाफ विभागीय जांच कर रिपोर्ट पेश करे।

अवमानना याचिका बालाघाट निवासी कृष्णकुमार ठकरेले सहित 6 अन्य ने लगाई थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता माेहन लाल शर्मा और शिवम शर्मा ने कोर्ट में पक्ष रखा। बताया कि 2 हजार में याचिकाकर्ताओं का विभाग ने टरमेशन कर दिया था। बाद में ये लोग लेबर कोर्ट गए, जहां से उन्हें नियमित करने के आदेश देते हुए सेवा से बहाल करने कहा था।

इस मामले में मुख्य अभियंता एससी वर्मा ने 19 सितंबर 2024 को आदेश जारी करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता नियमितिकरण की पात्रता नहीं रखते हैं। मुख्य अभियंता वर्मा ने वित्त विभाग के एक परिपत्र का हवाला देते हुए कहा था कि सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को नियमित कर दिया है। हाईकोर्ट ने जब इस जवाब का अवलोकन किया तो पाया कि मुख्य अभियंता एससी वर्मा ने कोर्ट को गुमराह करते हुए धोखा दे रहे हैं।

इस मामले में एक दिन पूर्व भी सुनवाई हुई थी। जिसमें कि हाई कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताते हुए तल्ख टिप्पणी में कहा था कि विभाग के पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर इन चीफ राजेंद्र मेहरा को व्यक्तिगत रूप से इस न्यायालय के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उपस्थित रहने के निर्देश दिए जाते हैं। वे अपने साथ याचिकाकर्ता के प्रकरण की संपूर्ण फाइल भी लेकर 25 मार्च 2025 को उपस्थिति सुनिश्चित करानी होगी। मामला सर्वप्रथम सुना जाएगा।

मुख्य अभियंता ने की कोर्ट से धोखाधड़ी

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया "मुख्य अभियंता ने कोर्ट के साथ धोखाधड़ी की. इस कारण उनके विरुद्ध विभागीय जांच के निर्देश दिये जाते हैं. प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी 03 माह में जांच पूरी कर हाई कोर्ट रजिस्ट्री में रिपोर्ट पेश करें." अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान पेश की गयी अनुपालन रिपोर्ट में बताया गया "हाई कोर्ट के आदेशानुसार उमा देवी के मामले में पारित निर्देशों के अनुसार निर्णय लिया गया है. सभी 7 याचिकाकर्ता नियमितीकरण के लिए पात्र नहीं पाए गए, क्योंकि उनकी नियुक्ति के समय कोई स्वीकृत पद नहीं थे. आरक्षण के प्रावधानों का भी पालन नहीं किया गया था. उनकी नियुक्ति में भर्ती नियमों की शर्तें पूरी नहीं की गई थीं.

हाई कोर्ट ने 24 घंटे में किया तलब

अनुपालन रिपोर्ट में मुख्य अभियंता जबलपुर एससी वर्मा ने बताया था "वित्त विभाग के परिपत्र के अनुसार अनुसार समस्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण का लाभ दिया गया है." इसके बाद एकलपीठ ने आदेश में कहा "अधिकारी न्यायालय को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं." एकलपीठ ने सुनवाई के बाद मुख्य अभियंता एससी वर्मा तथा पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर इन चीफ कृष्ण पाल सिंह राणा को 24 घंटे में न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने के आदेश जारी किए. मंगलवार को याचिका की सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारी एकलपीठ ने समक्ष उपस्थित हुए.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News