इंदौर

‘‘अविस्मरणीय विवेक’’ स्वरों के माध्यम से विवेक बंसोड को याद किया

Paliwalwani
‘‘अविस्मरणीय विवेक’’ स्वरों के माध्यम से विवेक बंसोड को याद किया
‘‘अविस्मरणीय विवेक’’ स्वरों के माध्यम से विवेक बंसोड को याद किया

इंदौर : ख्यातनाम हार्मोनियम वादक, कीर्तनकार एवं संगीतज्ञ डॉ. विवेक बंसोड की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा ‘‘अविस्मरणीय विवेक’’ का आयोजन अभिनव कला समाज में हुआ। श्रुति संवाद संगीत समिति एवं अभिनव कला समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्मिता मोकाशी ने स्वरांजलि अर्पित की। अनुश्री बंसोड सहयोगी गायिका थीं।संगीता अग्निहोत्री तबला एवं संतोष अग्निहोत्री हार्मोनियम ने बेहतरीन संगत की। 

श्रीमती मोकाशी ने राग यमन में एकताल में निबध्ध रचना ‘‘मेरा मन बांध लीनों’’ से अपने प्रस्तुति की शुरुआत की, तत्पश्चात छोटा ख्याल ‘‘मनवा मोरा मानत नाहीं‘‘ यह स्वरचित बंदीष प्रस्तुत कर श्रोताओं की खूब दाद बटोरी । अंत में उन्होंने निर्गुणी भजन ‘‘एक सूर चराचर छायों‘‘ प्रस्तुत किया ।

प्रारम्भ में अभिनव कला समाज के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल संयुक्त प्रधानमंत्री पं. सुनील मसूरकर, सत्यकाम शास्त्री, डॉ. प्रशांत बंसोड, हितेन्द्र दीक्षित, पं. दीपक गरूड़ एवं विश्वास पूरकर ने दीप प्रज्जवलित किया। इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि स्व. विवेक बंसोड के देहावसान से संगीत जगत रिक्त आई है जिसकी पूर्ति संभव नहीं हैं। प्रारम्भ में कार्यक्रम संयोजक रोहित अग्निहोत्री ने कलाकारों का स्वागत किया। कार्यक्रम में कल्पना झोकरकर, शोभा चौधरी, पं. संजय तराणेकर, संजीव आचार्य, दिलीप मुंगी, बालकृष्ण सनेचा, डॉ. शिल्पा मसूरकर, खगेश रामदुर्गेकर मुख्य रूप से उपस्थित थे। अंत में शुभ्रा अग्निहोत्री ने आभार व्यक्त किया।

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