इंदौर

मालवांचल की सबसे बड़ी, परंपरागत बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार चार विशाल झांकियां भी होंगी : गोलू शुक्ला

Paliwalwani
मालवांचल की सबसे बड़ी, परंपरागत बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार चार विशाल झांकियां भी होंगी : गोलू शुक्ला
मालवांचल की सबसे बड़ी, परंपरागत बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार चार विशाल झांकियां भी होंगी : गोलू शुक्ला

कल दोपहर मरीमाता चौराहे से महेश्वर के लिए बसों से और वहां से अगले दिन महाकाल के लिए होगी यात्रा प्रारंभ  

इंदौर : (विनोद गोयल, अनिल बागोरा...) मालवांचल की सबसे बड़ी, परंपरागत बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में इस बार चार विशाल झांकियां भी होंगी। इन झांकियों के अलावा कावड़ यात्रा के दौरान प्रतिदिन कन्या पूजन के साथ कावड़ यात्रा का शुभारंभ, प्रत्येक कावड़ यात्री से स्वयं पौधरोपण करने और अन्य साथियों को भी प्रेरित करने की शपथ दिलाने, रास्ते के वनवासी क्षेत्र के बच्चों के लिए जरूरत की सामग्री के साथ टॉफी, चाकलेट आदि का वितरण करने जैसे सेवा प्रकल्प भी चलाए जाएंगे। यात्रा के लिए इस बार युवाओं को धर्म से जोड़ने और नशे से दूर रहने का संदेश भी दिया जाएगा। यात्रा रविवार 17 जुलाई 2022 को दोपहर 1 बजे मरीमाता चौराहे से बसों द्वारा महेश्वर के लिए प्रस्थित होगी और वहां से 18 जुलाई को सुबह मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं 11 मीटर लंबी चुनरी समर्पण के बाद यात्रा का विधिवत शुभारंभ होगा।

यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला ने पालीवाल वाणी को बताया कि इस बार बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में जो चार झांकियां शामिल की जा रही हैं, उनमें पहली झांकी में मां नर्मदा मगरमच्छ के ऊपर कमल पर विराजमान होकर शिवजी का अभिषेक करते हुए दर्शाई गई है। दूसरी झांकी में भगवान गरूड़ महाकाल से पूरे देश और प्रदेश में सुख, शांति और समृद्धि तथा सुखद वर्षा की प्रार्थना करते हुए नजर आएंगे। तीसरी झांकी में गजराज शिवजी का अभिषेक करते हुए शंख ध्वनि करते हुए दिखाई देंगे, जबिक चौथी झांकी शिवजी अघोरी के रूप में महाकाल भस्म आरती के दर्शन कराएंगे।

उन्होंने बताया कि रविवार, 17 जुलाई को दोपहर 1 बजे मरीमाता चौराहे से बसों द्वारा महेश्वर पहुंचेगी। वहां से सोमवार 18 जुलाई को मां नर्मदा के दुग्धाभिषेक एवं चुनरी समर्पण के बाद यात्रा गुजरी के लिए प्रस्थित होगी। मंगलवार, 19 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 20 को मानपुर से महू, 21 को महू से इंदौर, 22 को इंदौर से भंवरासला, 23 को भंवरासला से पंथपिपलई और 24 को पंथ पिपलई से उज्जैन पहुंचकर रात्रि विश्राम के बाद सोमवार 25 जुलाई को बाबा महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर सभी श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल होकर बाबा महाकालेश्वर से प्रदेश में खुशहाली एवं सुख, शांति, समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे। यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सौलंकी ने बताया कि इस बार यात्रा में करीब 2 हजार श्रद्धालु शामिल होंगे। इनमें अधिकांश युवा हैं, जिन्हें यात्रा के दौरान ‘करो शिव की भक्ति, हो जाएगी व्यसनों से मुक्ति’ के सूत्र वाक्य के अनुसार धर्म से जुड़ने और नशे एवं अन्य व्यसनों से दूर रहने का संकल्प भी दिलाया जाएगा। यात्रा का यह 20वां वर्ष है।

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