इंदौर
paliwal news : सांवरिया पैनल के सदस्य श्री सचिन व्यास का खुल्लासा : सच्चाई छिपाने के कारण जिम्मेदारों ने श्री शुभम व्यास की सदस्यता निरस्त कराई
paliwalwani
श्री शुभम व्यास तो बहाना है, कहीं और निशाना है...!
इंदौर. श्री पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के युवा एवं सांवरिया पैनल के सक्रिय सदस्य श्री सचिन व्यास ने इंदौर समाज में चल रही घटनाक्रम पर प्रकाश डालते हुए खुल्लासा किया है कि सोशल मीडिया में तमाम कायस लगाकर सत्य तथ्यों को छिपाकर श्री शुभम व्यास पर एक तरफा कार्यवाही करते हुए समाज अध्यक्ष श्री भुरालाल व्यास एवं श्री सचिव विजय जोशी की मनमर्जी से सदस्यता निरस्त की गई.
वही आदरणीय प्रेमशंकर जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए पूरे प्रकरण पर जानकारी चाही गई के संदर्भ में हमें आप जिस तरह स्पष्टीकरण देने हेतु सौरभ जी व्यास को बाध्य कर रहे है.
ऐसे ही स्पष्टीकरण के लिए मेरे द्वारा श्री शुभम जी से चर्चा की गई, तो उन्होंने यह कहा कि समाज एक परिवार है और हम सभी उस परिवार के सदस्य हैं और सार्वजनिक रूप से यदि उन्होंने स्पष्टीकरण दिया तो समाज के पंचों की छवि धूमिल होने की संभावना है. इस कारण संस्कारी शुभम व्यास ने किसी तरह का स्पष्टीकरण प्रेषित नहीं किया.
अब जब बात इतनी बढ़ गई हैं कि श्रीमान सौरभ जी ने अपने संदेश में मेरे नाम का उल्लेख किया है, इस कारणवंश मुझे उक्त मामला आपके एवं समस्त समाजजनों के सामने लाने हेतु बाध्य होना पड़ रहा हैं. आपको यह स्पष्ट हो कि शुभम व्यास जी द्वारा समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जाता रहा है, जो अग्रलिखित हैं.
1. शुभम ने यह पाया कि रसीद क्रमांक 565 एवं 775 के द्वारा एक ही व्यक्ति से 2 बार सदस्यता शुल्क लिया गया हैं.
2. शुभम ने यह पाया कि समाज के मैनेजर द्वारा समाज के साज सज्जा की सामग्री समाज भवन के अन्यत्र भी उपयोग की जा रही हैं, जबकि वर्तमान कार्यकारिणी समाज के बर्तन एवं समाज के साज सज्जा की सामग्री समाज के सदस्यों को को भी उपयोग करने के लिए नहीं दी जाती, जब श्री शुभम ने यह जानने का प्रयास किया कि मैनेजर द्वारा समाज के तीनों भवनों के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर जो कार्य किया जा रहा है. उसका भुगतान संस्था में जमा कराया जा रहा है या नहीं इसका जवाब मांगा गया तो जिम्मेदार क्रोधित हो गए. आपको यह भी स्पष्ट हो कि अनैतिक रूप से समाज की संपति का समाज भवन से अन्यत्र उपयोग करते हुए मैनेजर को समाज के एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने पकड़ा है. अब योग्य कार्यवाही के लिए अपने अन्य पदाधिकारियों को अवगत भी कराया है. लेकिन जिम्मेदारों ने मौन स्वकृति से मैनेजर का ही पक्ष लेकर श्री शुभव व्यास को चुप रहने की सलाह देकर चेतावनी दी कि अगर मुंह खोला तो अंजाम बुरा होगा.
3. आपको यह भी स्पष्ट हो कि जिम्मेदारों द्वारा कई ऐसे व्यक्तियों को संस्था सदस्य बनाया गया हैं, जिन्होंने अंतर्जातीय विवाह किए है, जो विधि अनुसार सही भी है. उनके द्वारा किए गए, इस प्रकार के कार्य में मेरा कोई विरोध नहीं है. क्योंकि यह कार्य को नहीं करने के लिए हमारे विधान में कोई रोक व्यवस्था नहीं हैं, मेरा विरोध इस बात से हैं कि हम अंतर्जातीय विवाह करने वाले व्यक्ति को तो संस्था का सदस्य बना देते हैं, वहीं दूसरी ओर किसी के पुत्र ने अंतर्जातीय विवाह किया है तो पिता को सदस्यता नहीं दी जाती. मेरे संज्ञान में ऐसे कई मामले है. में पुनः आपको स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस तरह के प्रतिबंध एवं परेशानियों से केवल विपक्ष पैनल से जुड़े लोगों झूझना पड़ रहा हैं.
4. इस प्रकार के कई अन्य विषय हैं, जिसके कारण समाज के आम नागरिकों के हितों का दमन जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है. उन सभी मुद्दों को समय के साथ योग्य स्थान पर मय साक्ष्य के रखा जाएगा.
यह मेरा मानना है कि उपरोक्त कई गंभीर विषय जब श्री शुभम व्यास जी द्वारा उठाए गए, तो उनसे सत्तासीन जिम्मेदारो ने क्रोधित होकर तुगलकी फरमान जारी कर दिया, जिसमें श्री शुभम को अकारण दंडित किया. यह सत्य है कि में स्वयं दिनांक 30/12/2024 को उक्त स्थान पर मौजूद था और केवल 5 मिनिट की है बातचीत माननीय जिम्मेदारों एवं श्री शुभम के बीच में हुई. जिसमें शुभम के द्वारा कोई अभद्र व्यहवार नहीं किया गया. अभद्र व्यहवार करना माननीय जिम्मेदारों ने आरम्भ किया है एवं बिना सूचना के कार्यवाही भी जिम्मेदारों ने की हैं.
उक्त स्पष्टीकरण आपके द्वारा बाध्य करने के कारण मेरे द्वारा दिया जा रहा है. क्योंकि मेरे नाम का उल्लेख सौरभ जी ने अपने संदेश में किया है. किसी भी सदस्य या संस्था या जिम्मेदार पदाधिकारीयो की व्यक्तिगत छवि को धूमिल करने की मेरी कोई मंशा नहीं हैं. मेरी मंशा बस इतनी है कि तुगलकी फरमान वापस लिया जाए और समाज के प्रतिभाशाली युवा श्री शुभम व्यास सदस्यता पुन : बहाल की जाएं.
- सचिन व्यास : सदस्य सांवरिया पैनल