इंदौर

सभी चिकित्सा पद्धति के समन्वय से होगी चिकित्सा क्रांति : वैद्य लोकेश जोशी

sunil paliwal-Anil paliwal
सभी चिकित्सा पद्धति के समन्वय से होगी चिकित्सा क्रांति : वैद्य लोकेश जोशी
सभी चिकित्सा पद्धति के समन्वय से होगी चिकित्सा क्रांति : वैद्य लोकेश जोशी

इंदौर : चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के आदेश अनुसार आज 22 अक्टूबर को धन्वंतरी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर में भगवान धन्वंतरी का विधि विधान से पूजन किया गया एवं मंत्रोच्चारण के साथ उनका जन्म उत्सव मनाया गया. 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवम मुख्य वक्ता के रूप में वैद्य लोकेश जोशी, कार्यकारी अध्यक्ष आरोग्य भारती मालवा प्रांत एवं डॉक्टर अखलेश भार्गव, शासकीय अष्टांग आयुर्वेद कॉलेज इंदौर उपस्थित रहे. मंच पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन  प्रोफेसर संजय दीक्षित एवं एम वाय हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ पी एस ठाकुर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का  संचालन डॉक्टर अखलेश तोमर के द्वारा किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत में प्रोफ़ेसर संजय दीक्षित द्वारा भगवान धन्वंतरी का परिचय दिया गया. 

कार्यक्रम में डॉक्टर अखलेश भार्गव ने बताया कि धन्वंतरी जयंती के दिन भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया गया है, इसकी इस वर्ष की थीम हर दिन हर घर आयुर्वेद रखी गई है. डॉ लोकेश जोशी ने अपने सारगर्भित संबोधन में   सभी चिकित्सा पद्धतियों में उचित सामंजस्य स्थापित कर चिकित्सा के क्षेत्र में भी हम विश्व गुरु बने इस हेतु प्रयास करने पर बल दिया. आपने आरोग्य भारती के उद्देश्य और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. 

अपने उदबोधन में वेद, उपनिषद, आदि के संस्कृत श्लोक की व्याख्या कर उपस्थित डॉक्टर्स, छात्र, छात्राएं, नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी एवम चिकित्सा जगत की तमाम हस्तियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. आपने राज्य शासन और केंद्र शासन रीति नीति की भूरी भूरी प्रसंशा की. कोविड पर चर्चा करते हुवे आपने  कहा कि कोविड जैसी भयंकर स्थिति में सभी पैथी ने अपना अपना दायित्व पूरी जवाबदारी से निभाया, जिससे भारत जैसे विशाल देश में अन्य देशों की तुलना में मृत्यु दर बहुत कम रही. 

कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर,शिक्षक, चिकित्सक एवं छात्र, छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे. ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में भगवान धन्वंतरि की पूजन का कार्यक्रम रखा गया है. समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर अवतरित हुए हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं. कार्यक्रम के समाप्त होने पर महाविद्यालय में औषधीय पौधों का रोपण किया गया.

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