इंदौर
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के हित में उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला : बड़ी हुई महंगाई दर से मिलेगा वेतन
ayush paliwalइंदौर. माननीय उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा दैनिक वेतन भोगी एवं शासकीय विभागों के अस्थाई कर्मचारी कर्मचारियों के हित में बड़ी हुई महंगाई दर (2300/रुपए वेतन वृद्धि) का ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया. इस ऐतिहासिक फैसले से अस्थाई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने खुशी जाहिर करते हुए माननीय न्यायालय के प्रति अपनी आस्था प्रकट की.
मस्टर कर्मचारी संघ इंदौर की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रवीण तिवारी, श्री महेश बांनगे श्री अनिल यादव सचिन गौर आउटसोर्स कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष श्री वासुदेव शर्मा, भारतीय मजदूर संघ् संयुक्तमंत्री श्री राजेश सोनकर (खटीक) संगठन मंत्री श्री अजय सोनकर, कार्यालय मंत्री श्री दिनेश कौशल, श्री रवि जावडे, श्री मुन्ना कौशल राज कुमार यादव, सफाई कर्मचारी कल्याण संघ् अध्यक्ष श्री देव बीरदडे, मध्य प्रदेश मांझी मछुआ श्रमिक संघ जिला अध्यक्ष श्री दीपक गौड़, श्री गोविन्द शर्मा, श्री सोनू कल्याणे, श्री नवल संकेत, श्री सचीन गौर, श्री गजेन्द्र यादव, श्री प्रिंस सोनकर, श्री सूरज नाकोड़िया, इसरार अहमद, श्री आकाश सिलावट, श्री तेजु सोलंकी, श्री दिनेश सैन, श्री राहुल वर्मा, श्री अरुण सिलावट, श्री धमेन्द्र सिंह यादव (एडव्होकेट), अनिल पंचवाल, श्री रौनक सिंह, श्री जीतू कण्डारे, श्री राम यादव, श्री राम बुरूट, श्री राम सिसौदिया, श्री पवन कौशल, श्री रोहित गोड़, श्री बंटी सिलावट श्री संदीप राठौर, श्री विजय जैसल ने सभी साथियों का आत्मीय रूप से आभार व्यक्त किया.
मध्य प्रदेश शासन श्रम विभाग द्वारा बढ़ती मंहगाई को ध्यान में रखते हुऐ नगरी निकाय एवं शासकीय विभागो के दैनिक वेतन भोगियों की महंगाई दर बढ़ाई गई (वेतन वृद्धि)
● अकुशल श्रमिक वेतन : 11800/रुपए
● अर्द्धकुशल श्रमिक वेतन : 12796/रुपए
● कुशल श्रमिक वेतन : 14519/रुपए
उच्च कुशल श्रमिक वेतन : 16144/रुपए निर्धारित की गई थी. जिसका लाभ कई नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद को दिया गया था. किंतु एक कम्पनी द्वारा उक्त आदेश पर अपनी कम्पनी के वर्कर को यह भुगतान ना करते हुए, उक्त आदेश के विरोध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाने से नगरी निकाय एवं शासकीय विभागो के दैनिक वेतन भोगियों की बड़ी हुई महंगाई दर 2300/-रुपए (वेतन वृद्धि) पर रोक लगा दी गई थी.
प्रकरण में मध्य प्रदेश शासन की ओर से माननीय श्रम आयुक्त महोदय एवं अपर श्रम आयुक्त महोदय द्वारा शासकीय विभागों के दैनिक वेतन भोगियों का मजबूत पक्ष रखा गया. उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दैनिक वेतन भोगी एवं शासकीय विभागों के अस्थाई कर्मचारी के हित में निर्णय सुनाते हुए बड़ी हुई न्यूनतम वेतन महंगाई दर के 2300/-रुपए का लाभ देने का फैसला सुनाया गया.