इंदौर

अयोध्या" के गढ़ से गौड़ बेदखल..! आयोजको ने विजयवर्गीय, सांसद लालवानी ओर मेयर भार्गव को बनाया मुखिया

नितिनमोहन शर्मा
अयोध्या
अयोध्या" के गढ़ से गौड़ बेदखल..! आयोजको ने विजयवर्गीय, सांसद लालवानी ओर मेयर भार्गव को बनाया मुखिया
  • कपड़ा मार्केट के प्रतिष्ठित ट्रेड फेयर से इस बार स्थानीय विधायक गायब

  • देशभर के बड़े व्यापारी करते है फेयर में शिरकत, पहली बार गौड़ अयोजन से दूर

  • "लखन" की राजनितिक विरासत के प्रतीक रहे है बीच शहर के बाजार

  • बाजार ने मालिनी को आमंत्रित किया, न एकलव्य को भेजा बुलावा

नितिनमोहन शर्मा...

लखन दादा की राजनितिक विरासत का प्रतीक रहे बीच शहर के बाजारों का क्या गौड़ परिवार के प्रति भरोसा कम होता जा रहा है? ये सवाल शहर के 100 बरस पुराने और प्रतिष्ठित कपड़ा मार्केट के बड़े ट्रेड फेयर को देखकर सामने आया है। होलकर युगीन ये बाजार अपना पारंपरिक ट्रेड फेयर आयोजित कर रहा है। इसका आगाज एक दिन पहले बुधवार को हुआ। श्रीमंत महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट-मर्चेन्ट एसोसिएशन ने इस आयोजन का न्योता स्थानीय विधायक होने के नाते भी मालिनी गौड़ को नही भेजा न आमंत्रण कार्ड पर उनका नाम प्रकाशित हुआ। उलटे  "अयोध्या" में हो रहे इस आयोजन में मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, अध्यक्षता सांसद शंकर लालवानी ओर विशिष्ट अतिथि मेयर पुष्यमित्र भार्गव को बनाया गया। इन नेताओं की अगवाई में ट्रेड फेयर का  शुभारंभ भी हो गया। हालांकि विजयवर्गीय ओर सांसद लालवानी के दिल्ली के होने के कारण वे उदघाटन समारोह में नही पहुंच पाए। अलबत्ता कैलाश विजयवर्गीय ने मोबाइल फोन से फेयर के उदघाटन सत्र को सम्बोधित किया। सांसद ने भी दिल्ली से लौटकर फेयर में आने की बात कही। मेयर विभागीय बैठक के कारण नही पहुंचे। सियाराम शर्टिंग शूटिंग के रमेश पोतदार की अगवाई में शुभारंभ हुआ।  6 दिन चलने वाले इस अयोजन में देश विदेश के कई नामचीन कपड़ा व्यापारी शिरकत करेंगे। 19 सितंबर को फेयर समाप्त होगा।

ये फेयर ही बाजार का सबसे अहम आयोजन रहता है जो हर 5 बरस के बाद किया जाता है। दो साल कोरोना महामारी के कारण ये टल गया था। इस बार बड़े पैमाने पर हो रहा है। दिलचस्प बात है कि बाजार में इस आयोजन के जो मुख्य कर्ता वे ही लोग है जो एक समय लखन दादा के खास हुआ करते थे। इसमे अध्यक्ष हंसराज जैन से लेकर मंत्री कैलाश मुंगड तक शामिल है। गिरीश काबरा,राजेश नाहटा, रजनीश चोरडिया, चन्दर गंगवाल, मनोज नीमा जैसे व्यापारियो के हाथ मे भी फेयर की पूरी कमान है। 

जैसे ही आयोजन के निमंत्रण पत्र छपकर वितरित हुए, लोगो मे ये चर्चा तेज हुई कि इस बार क्षेत्रीय विधायक मालिनी गौड़ का नाम क्यो नही? सामान्य शिष्टाचार भी ये ही कहता है कि इलाके के जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। दो दिन से न केवल कपड़ा मार्किट, बल्कि उससे लगे सीतलामाता बाजार, शक्कर बाजार, साठा बाजार, मारोठिया बाजार, सराफा, नरसिंह बाजार में ये विषय चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ये बाजार स्व लक्ष्मण सिंह गोड़ की राजनीतिक विरासत के प्रतीक रहे है। आज भी बीच शहर के इन बाजारो के कारण विधनासभा 4 का चरित्र अयोध्या बना हुआ है जो भाजपा की राजनितिक यात्रा में 30 बरस से काम आ रहे है। 

4 नम्बर का बाजार, अब 2 नम्बर के अधीन

कपड़ा मार्केट विधनासभा 4 का हिस्सा है। बाजार का श्रेष्ठी वर्ग सदैव से लखन दादा के साथ रहा है। दादा के दुःखद अवसान के बाद भी यम बाजारो ने मालिनी गोड़ का साथ नही छोड़ा। लेकिन 3 बरस पहले कपड़ा मार्केट में व्यापारियों और हम्माल यूनियन के बीच हुए एक झगड़े ने इस बाजार में विधनासभा 2 की दखल करवा दी। अब बाजार में सीधा दखल विधनासभा 2 के विधायक रमेश मेंदोला का है। विजयवर्गीय को बाजार बगेर किसी राजनीतिक कारणों से यू भी पसन्द करता है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब गोड़ परिवार से न मालिनी गौड़ ओर न पुत्र एक्लव्य सिंह को बाजार ने याद क़ियाम इसे लेकर व्यापारियों में मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ इसे हालिया निगम चुनाव के टिकिट वितरण से जोड़ रहे है तो कुछ इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बाजरो में हुई तोड़फोड़ से जोड़ रहे है। मंत्री मुंगड और अध्यक्ष जैन भी एक वक्त पर गोड़ परिवार के खास रहे हैं जैन तो रहते भी लोधीपुरा में ही है और मुंगड की बैठक मालगंज चोराहे पर हे। बावजूद इसके स्थानीय विधायक से बनाई गई दूरी कई सवाल खड़े कर रही है।

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