इंदौर
पालीवाल समाज 44 श्रेणी इंदौर के मंत्री श्री किशन मोड़ीराम दवे को लगा न्यायालय में झटका
Anil Bagoraइंदौर। पालीवाल समाज 44 श्रेणी इंदौर के मंत्री श्री किशन मोड़ीराम दवे (ग्राम. बामन टुकड़ा) ने अपने चरित्र के साथ समाज की कार्यकारिणी पर टीका टिप्पणी करने पर इंदौर से प्रकाशित निःशुल्क समाचार पत्र पालीवाल वाणी के संपादक श्री सुनील पालीवाल के विरूद्व मान्य न्यायिक दण्डाधिकारी महदोदय प्रथम श्रेणी इंदौर धारा 200 दण्ड प्रक्रिया संहिता में मानहानि का प्रकरण दायर किया था। पालीवाल वाणी को प्रकाशित करने पर रोक लगाना ओर 5 लाख की मानहानि होने का दावा लगाया लेकिन सत्य के आगे बेमान हार गया। ओर आगे भी हारेगा।
टेंट हाऊस के मामले पर नोटशीट पर भी प्रश्न उठाये
मान्य न्यायालय ने टेंट हाऊस के मामले पर नोटशीट पर भी प्रश्न उठाये ओर कहा कि नोटशीट दिनांक 9 जून 2014 को टेंट व्यवस्था पर लेखबद्व की गई है उसमें 35000 रूपये, को काटकर 31000 रूपए लेख करना तथा 10000 रूपये बढ़ोत्री करकर 46000 रूपये लेख करते हुए उसे 41000 किया गया है तथा दोनों जगह काटापीटी होने से यह नहीं माना जा सकता है कि उक्त त्रुटि भूलवंश हुई है तथा जो इस संबंध में प्रस्ताव व बैठक की प्रति पेश की गई है उसमें 11 नंबर पर सर्वसम्माति से निर्णय लेना बताया गया है किंतु 11 नंबर के पेन की रायटिंग एवं अन्य प्रस्ताव के पेन रायटिंग में स्पष्ट रूप से अंतर होना प्रतित होता है तथा प्रस्ताव अध्यक्ष व मंत्री के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है व संस्था के संबंध में किया गया है जिससे मात्र किशन दवे की व्यक्तिगत रूप से कैसे मानहानि हुई यह प्रकट नहीं है।
माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, इंदौर प्रथम सत्र न्यायाधीश एवं इदौर श्री डी.के. मित्तल ने मंत्री के लगाए गए वाद को किया निरस्त
माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी महोदय प्रथम श्रेणी इंदौर श्री अमित रंजन समाधिया ए.सी.जे.एम. की कोर्ट ने दिनांक 20 नवंबर 2015 को दिये आदेश में लिखा कि परिवादी की ओर से प्रस्तृत परिवाद पत्र धारा 203 द.प्र.सं. के अंतर्गत निरस्त किया जाता है। इस आदेश के खिलाफ दिनांक 18 फरवरी 2016 को पालीवाल समाज 44 श्रेणी इंदौर के मंत्री श्री किशन मोड़ीराम दवे (ग्राम. बामन टुकड़ा) ने माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, इंदौर प्रथम सत्र न्यायाधीश एवं इदौर श्री डी.के. मित्तल के यहां क्रिमिनल रिविजन अंतर्गत धारा 397, सपठित धारा 401 दण्ड प्रक्रिया संहिता दायर की। जिसकी बहस अनावेदक की ओर से पालीवाल वाणी के कानुनी सलाहकार, पूर्व शासकीय अभिभाषक श्री लक्ष्मीनारायण उदयराम बागोरा (खटामला) ने प्रकरण पर बहस कर पूरी वस्तुस्थिति पर प्रकाश डाला। प्रकरण को सुनने के बाद माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, इंदौर प्रथम सत्र न्यायाधीश एवं इदौर श्री डी.के. मित्तल ने अपने बहस से संतुष्ट होकर पूर्व में जारी आदेश को ही सही मनाते हुए मंत्री के लगाए गए वाद को निरस्त कर दिनांक 17 अक्टृबर 2016 को आदेश जारी कर दिए। जैसे ही आदेश की जानकारी पालीवाल वाणी के समर्थकों को मिली तो एक दुसरे का बधाई देते रहे ओर मंत्री श्री किशन दवे के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया।
माननीय न्यायालय में पेश करना भी एक कानुनी अपराधिक प्रकरण बनता
पालीवाल वाणी के कानुनी सलाहकार, पूर्व शासकीय अभिभाषक श्री लक्ष्मीनारायण उदयराम बागोरा (खटामला) ने कहा कि पालीवाल वाणी के विरूद्व पालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी इंदौर के महत्वपूर्ण दस्तावेज को बिना बताये माननीय न्यायालय में पेश करना भी एक कानुनी अपराधिक प्रकरण बनता है, इस संबंध में भी पूरी कार्यकारिणी के विरूद्व पालीवाल वाणी की ओर से कार्यवाही की जा रही है। पालीवाल वाणी के प्रकरण के बाद से पुरी कार्यकारिणी में बैचेनी देखी गई। वहीं मंत्री श्री किशन दवे की जमकर खिंचाई हो रही है कि तेरे कारण समाज की भारी बदनामी हो रही है। पालीवाल वाणी के संपादक श्री सुनील पालीवाल ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत कई जानकारी मांगी किंतु आज दिनांक तक समाज के मंत्री ओर अध्यक्ष ने उपलब्ध नहीं कराई है। आगामी समाचार शीघ्र पढ़े तथा आपकी राय भी सोश्यल मिडिया पर जरूर दिजिए ताकि सत्य की जीत में आपकी भागीदारी का निर्वाह हो सके।
पालीवाल वाणी ब्यूरों से अनिल बागोरा