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ह्वाइट हाउस की विदेशी छात्रों के दाखिले पर प्रतिबंध लगाने की धमकी : यहूदी-विरोधी भावना से लड़ने में मदद मिलेगी
paliwalwani
अमेरिका.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों के खिलाफ लड़ाई के बीच ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि यदि हार्वर्ड विश्वविद्यालय सरकार की मांगों पर सहमत नहीं होता है तो वह विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने से देगा. इससे पहले विभाग ने हार्वर्ड को दिए जाने वाले 2.7 मिलियन डॉलर के को भी ख़ारिज कर दिया है. होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने विश्वविद्यालय पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरा’ पहुंचाने और ‘यहूदी-विरोधी भावना के आगे घुटने टेकने’ का आरोप लगाया.
ट्रंप देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के साथ इसलिए झगड़ रहे हैं कि उसने प्रवेश, नियुक्ति और राजनीतिक राय पर निगरानी रखने के उनके प्रशासन के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है. सरकार का मानना है कि अगर हार्वर्ड उनकी मांगों को मान लेता है, तब परिसर के अंदर यहूदी-विरोधी भावना से लड़ने में मदद मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि हार्वर्ड अमेरिका के उन कई विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां छात्र फिलिस्तीन के गाजा पर इजरायल के हमलों के खिलाफ मुखर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. होमलैंड सुरक्षा विभाग के एक बयान में कहा गया है, ‘यदि हार्वर्ड यह स्थापित नहीं कर सकता है कि यह अपनी रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के पूर्ण अनुपालन में है, तो विश्वविद्यालय विदेशी छात्रों को दाखिला देने का विशेषाधिकार खो देगा.’
बुधवार (16 अप्रैल) को ट्रंप ने हार्वर्ड को एक ‘चुटकुला’ करार देते हुए कहा कि इसे अब सरकारी धन नहीं मिलना चाहिए. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘हार्वर्ड को अब सीखने का एक अच्छा स्थान भी नहीं माना जा सकता है, और इसे दुनिया के महान विश्वविद्यालयों या कॉलेजों की किसी भी सूची में स्थान नहीं दिया जाना चाहिए. ट्रंप ने कहा, ‘हार्वर्ड एक जोक है, यह नफ़रत और मूर्खता सिखाता है, और उसे अब फेडरल फंडिंग नहीं मिलनी चाहिए.’
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में ह्वाइट हाउस ने कहा था कि वह हार्वर्ड के 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक अनुदान और 60 मिलियन डॉलर के अनुबंधों को देगा. इसके बाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ने इस पर था, ‘प्रशासन का निर्देश संघीय सरकार की शक्तियों से परे है.
यह हार्वर्ड के पहले संशोधन के अधिकारों का उल्लंघन करता है. कोई भी सरकार, चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो.. यह तय नहीं कर सकती कि निजी विश्वविद्यालय क्या पढ़ा सकते हैं, वे किसे प्रवेश दे सकते हैं और किसे नियुक्त कर सकते हैं, या अध्ययन और जांच के कौन-से क्षेत्र अपना सकते हैं.’
इस साल की शुरुआत में कोलंबिया विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन की कई मांगों को स्वीकार किया था जब प्रशासन ने इसकी 400 मिलियन डॉलर की निधि रोक ली थी. ज्ञात हो कि हर साल तकरीबन 500-800 भारतीय छात्र और स्कॉलर्स हार्वर्ड में पढ़ने जाते हैं.