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इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का इस्लाम पर बड़ा बयान, कहा 'लागू नहीं होने देंगे शरिया कानून'
Pushplata![इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का इस्लाम पर बड़ा बयान, कहा 'लागू नहीं होने देंगे शरिया कानून' इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का इस्लाम पर बड़ा बयान, कहा 'लागू नहीं होने देंगे शरिया कानून'](https://cdn.megaportal.in/uploads/1223/1_1702922723-italian-prime-minister-georgia.jpg)
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस्लाम पर बड़ा बयान देते हुए सऊदी अरब पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मेलोनी ने कहा कि सऊदी अरब इटली में इस्लामिक केंद्रों को फंडिंग कर रहा है। उन्होंने कहा कि 'हम इटली में शरिया कानून को लागू नहीं होने देंगे।' इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'यूरोप में इस्लाम को बढ़ावा देने की एक प्रक्रिया चल रही है।' यह यूरोप के शहरों के मूल्यों के खिलाफ है। मेलोनी ने कहा कि सऊदी अरब इटली में इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्रों को आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है। सऊदी को लेकर उन्होंने कहा कि उस देश में शरिया कानून लागू है।
इटली की पीएम ने आगे कहा,'इस्लामिक संस्कृति की एक निश्चित व्याख्या और हमारी सभ्यता के अधिकारों और मूल्यों के बीच अनुकूलता की समस्या है। यह बात छिपी नहीं है कि इटली के ज्यादातर इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्रों को सऊदी अरब फंडिंग कर रहा है। सऊदी अरब में शरिया लागू है और शरिया का मतलब है व्यभिचार पर पत्थर मारना, मजहब को छोड़ने पर मौत की सजा, समलैंगिकता के लिए भी मौत। मेरा मानना है कि यह प्रश्न पूछे जाने चाहिए, जिसका सामान्यीकरण नहीं किया जाना चाहिए।'
31 साल की उम्र में बनी थीं इटली की सबसे युवा पीएम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए मेलोनी ने इस्लामिक आतंकवाद को काबू में करने को जरूरी बताया। उन्होंने मुस्लिम प्रवासियों को इटली के लिए खतरा बताया। जॉर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। वे धुर दक्षिणपंथी नेता हैं। जॉर्जिया मेलोनी साल 2008 में 31 साल की उम्र में इटली की सबसे युवा मंत्री बनी थीं। इसके चार साल बाद यानी साल 2012 में उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी बनाई।
एलजीबीटी विरोधी होने के लग चुके आरोप
जॉर्जिया मेलोनी पर एलजीबीटी विरोधी होने के आरोप लगते हैं। हालांकि वो इनसे इनकार करती हैं और अपनी छवि सुधारने पर भी काम कर रही हैं। वो बोल चुकी हैं कि पुतिन से मिलने के लिए उनके पास वक्त नहीं है। उन्होंने नाटो के प्रति समर्थन भी जाहिर किया। जॉर्जिया मेलोनी भले ही यूक्रेन का समर्थन करती हैं, लेकिन उनके गठबंधन वाली दोनों पार्टियों का झुकाव रूस की ओर ज्यादा है। मेलोनी ने एलजीबीटी अधिकारों के खिलाफ अभियान चलाया है।