दिल्ली

सिसोदिया की जेल से देश के नाम लिखी चिट्ठी, बोले - प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए खतरनाक

Paliwalwani
सिसोदिया की जेल से देश के नाम लिखी चिट्ठी, बोले - प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए खतरनाक
सिसोदिया की जेल से देश के नाम लिखी चिट्ठी, बोले - प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए खतरनाक

नई दिल्ली. जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों से जुड़े विवाद को लेकर जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बहुत खतरनाक है। टिप्पणी करते हुए लिखा कि मोदी जी विज्ञान को नहीं समझते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी शिक्षा के महत्व को नहीं समझते हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में 60 हजार स्कूल बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों डिग्री को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला था।

देश की तरक्की के लिए पढ़ा-लिखा PM जरूरी : सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने लिखा कि भारत की प्रगति के लिए एक शिक्षित प्रधानमंत्री होना आवश्यक है। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि पीएम जब यह बात कहते हैं कि गंदी नाली से गैस निकाल कर चाय बनाई जा सकती है तब मेरा दिल बैठ जाता है। ये टिप्पणी तब आई जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की शिक्षा के बारे में कई सवाल उठाए हैं।

सिसोदिया ने पीएम पर उठाए गंभीर सवाल

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने जेल से देश के नाम लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी की संवैधानिकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि चूंकि देश के पीएम कम पढ़े लिखे हैं इसलिए दुनिया के राष्ट्राध्यक्ष उनको गले लगाकर न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री जी तो समझ ही नहीं पाते क्योंकि वो तो कम पढ़े-लिखे हैं।

केजरीवाल ने भी पीएम मोदी पर साधा था निशाना

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री कनाडा में एक गणितीय सूत्र के बारे में बात कर रहे थे जिसे वह समझा नहीं सकते थे और भारत के नागरिक इसके कारण शर्मिंदा महसूस करते थे। जलवायु परिवर्तन की चिंता पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि एक बार पीएम मोदी बच्चों से कह रहे थे कि जलवायु परिवर्तन कुछ भी नहीं है। मैं इवेंट में बच्चों को मुस्कुराते हुए देख सकता था।

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