दिल्ली

भारत कनाडा के सामने कड़ा रुख अपनाएगा : 'हम उन्हें बता रहे थे...वे नहीं सुन रहे थे : विदेश मंत्री

paliwalwani
भारत कनाडा के सामने कड़ा रुख अपनाएगा : 'हम उन्हें बता रहे थे...वे नहीं सुन रहे थे : विदेश मंत्री
भारत कनाडा के सामने कड़ा रुख अपनाएगा : 'हम उन्हें बता रहे थे...वे नहीं सुन रहे थे : विदेश मंत्री

नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शनिवार को जस्टिन ट्रूडो सरकार की तरफ से भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाने के लिए कनाडा की आलोचना की। जयशंकर ने कहा कि हम कनाडा सरकार द्वारा हमारे उच्चायुक्त और राजनयिकों को निशाना बनाने के तरीके को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं। विदेश मंत्री पुणे में 'वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उभरते अवसर' विषय पर एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

जयशंकर ने कहा कि भारत स्पष्ट रूप से कड़ा रुख अपनाएगा, जो उसने अपने राष्ट्रीय हित, अखंडता और संप्रभुता के संबंध में अपनाया है। 13 अक्टूबर को कनाडाई अधिकारियों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' बताया था। कनाडा की कार्रवाई की निंदा करते हुए भारत ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया।

साथ ही जवाबी कार्रवाई में कनाडा के छह राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा गया। बाद में, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त रहे संजय वर्मा ने कनाडा सरकार के इस व्यवहार को अत्यंत घटिया बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे देश ने, जिसे हम मित्रवत लोकतांत्रिक देश मानते हैं, भारत की पीठ में छुरा घोंपा और सर्वाधिक गैर-पेशेवर रवैया अपनाया। अगर वे मानते हैं कि यह उनके लिए भी एक व्यापक रिश्ता है तो राजनयिक के पास अन्य कूटनीतिक साधन होते हैं। चीजों का संतोषजनक समाधान निकालने के लिए इन साधनों का इस्तेमाल किया जा सकता था।

कनाडा के बारे में जयशंकर ने कहा कि मुद्दा यह है कि वहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं, लेकिन उन्होंने खुद को एक बड़ी राजनीतिक आवाज बना लिया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, उस देश की राजनीति, उस राजनीतिक लॉबी को कुछ हद तक सक्रियता प्रदान कर रही है, जिसके बारे में मैं कहूंगा कि यह न केवल हमारे और हमारे संबंधों के लिए बुरा है। मैं कहूंगा कि यह कनाडा के लिए भी बुरा है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सबसे पहले उत्तरी अमेरिकी देश में संगठित अपराध की मौजूदगी का मुद्दा उठाया था, लेकिन चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हम उन्हें बता रहे थे और वे सुन नहीं रहे थे। यह लंबे समय से अनुमेय माहौल के कारण हो रहा है। जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि यह एक खास राजनीतिक चरण या राजनीतिक ताकतों के समूह का मुद्दा है। हम निश्चित रूप से उम्मीद करेंगे कि अधिक समझदार, अधिक शांत, अधिक जिम्मेदार खुद को स्थापित करेंगे।

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