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कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार पर खुशी होगी

S.P.MITTAL BLOGGER
कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार पर खुशी होगी
कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार पर खुशी होगी

दिल्ली के एग्जिट पोल कांग्रेस की उम्मीदों के अनुरूप है...!

दिल्ली.

दिल्ली में 5 फरवरी 2025 को मतदान हो जाने के बाद उजागर हुए  एग्जिट पोल का निष्कर्ष निकाला जाए तो भाजपा को 43, आम आदमी पार्टी को 26 तथा कांग्रेस को एक सीट मिल रही है। यानी 8 फरवरी 2025 को परिणाम के बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

मीडिया घराने कांग्रेस की दयनीय स्थिति पर कुछ भी कहे, लेकिन एक्जिट पोल कांग्रेस की उम्मीदों के अनुरूप ही है। कांग्रेस की रणनीति शुरू से ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ थी। कांग्रेस नहीं चाहती कि दिल्ली में लगातार चौथी बार आप की सरकार बने।

यही वजह रही कि इस बार कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ दिल्ली में चुनाव लड़ा। आम के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने के लिए कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित को चुनाव लड़वाया। दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भी कांग्रेस ने दमदार उम्मीदवार खड़े किए।

राहुल गांधी ने अपने प्रचार की शुरुआत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से ही की। कांग्रेस को भाजपा की जीत का गम नहीं, लेकिन केजरीवाल की हार की खुशी है।  यदि 8 फरवरी को केजरीवाल की पार्टी हार जाती है तो दिल्ली में कांग्रेस का मकसद पूरा हो जाएगा। भले ही कांग्रेस को जीरो या एक सीट मिले, लेकिन केजरीवाल की हार कांग्रेस की सफलता होगी।

असल में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में अरविंद केजरीवाल ही राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं। केजरीवाल चाहते हैं कि विपक्ष का नेतृत्व राहुल गांधी से छीन लिया जाए। केजरीवाल को ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार जैसे विपक्षी नेताओं का भी समर्थन है।

इन नेताओं ने भी दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की बजाए केजरीवाल को समर्थन दिया है। यदि दिल्ली में केजरीवाल की जीत होती है तो इंडिया गठबंधन में केजरीवाल को और मजबूती मिलेगी, इसलिए कांग्रेस चाहती है कि केजरीवाल दिल्ली में ही निपट जाए। जहां तक चुनाव में कांग्रेस को जीरो या एक सीट मिलने का सवाल है तो पिछले दो चुनावों में भी कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है। 

S.P.MITTAL BLOGGER 

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