दिल्ली
गो फर्स्ट के 15.5 लाख पैसेंजर्स को मिलेगा 597 करोड़ रुपये का रिफंड
Paliwalwaniनई दिल्ली : गो फर्स्ट के लाखों यात्रियों के लिए बड़ी खबर है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने ट्रैवल के लिए टिकट खरीदने वाले करीब 15.5 लाख पैसेजर्स को 597.54 करोड़ रुपये वापस करने की याचिका पर नोटिस जारी किया है। एनसीएलटी (NCLT) ने यह नोटिस सोमवार को गो फर्स्ट के कर्जदाताओं की समिति और Insolvency and Bankruptcy Board को जारी किया है। संकटग्रस्त गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर (आरपी) ने यात्रियों को पैसे वापस करने की अनुमति मांगने के लिए एनसीएलटी (NCLT) का रुख किया है। बता दें कि गो फर्स्ट ने अपनी विमान सेवाएं तीन मई को बंद कर दी थी, जबकि कुछ यात्रियों ने 10 जुलाई 2023 तक के लिए एयरलाइन की टिकट खरीदी थीं।
समाधान पेशेवर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि यह बंद पड़ी एयरलाइन को बहाल करने की व्यावसायिक योजना के तहत किया जा रहा है। एनसीएलटी की पीठ ने कहा कि ऐसी व्यवसाय योजना की व्यवहार्यता तथा क्रियान्वयन ''ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के सदस्यों के सुझावों के तहत'' होनी चाहिए।
महेंद्र खंडेलवाल तथा राहुल पी. भटनागर वाली एनसीएलटी की पीठ ने समाधान पेशेवर से राशि की वापसी पर ऋणदाताओं से विशेष मंजूरी लेने को कहा। श्रीनिवासन ने कहा कि सीओसी को इसकी जानकारी है और उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी है। बहरहाल उन्होंने इस बात का पता लगाने के लिए समय मांगा कि क्या इस विशिष्ट योजना को सीओसी ने मंजूरी दी है या नहीं।
एनसीएलटी ने कहा कि योजना में बार-बार बदलाव किया जा रहा है इसलिए यह बेहतर होगा यदि पैसे वापस करने के लिए एक विशिष्ट समाधान निकाला जाए। यह भी पता लगाया जाए कि क्या किसी ने इस योजना पर आपत्ति जतायी है या नहीं।
इस पर श्रीनिवासन ने कहा कि यह जनहित में किया जा रहा है और उन्होंने इस मुद्दे में नियामक भारतीय दिवाला व ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को पक्ष बनाने का सुझाव दिया।
पीठ ने इससे सहमत होते हुए कहा, '' हम सीओसी और आईबीबीआई को नोटिस जारी कर मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हैं।'' इस मामले पर आगे की सुनवाई सात अगस्त को होगी।