भोपाल
एटीएम कार्ड जैसा होगा राशन कार्ड : अंगूठा लगाने का झंझट खत्म अब कोई नहीं डकार सकेगा गरीब का निवाला
जगदीश राठौरभोपाल. मध्य प्रदेश में राशन वितरण की स्मार्ट व्यवस्था जल्द लागू हो सकती है. खाद्यान वितरण में गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही अब एटीएम कार्ड की तरह उपभोक्ताओं को स्मार्ट कार्ड दिए जाने की योजना बनाई जा रही है. इसके पहले गड़बड़ियां रोकने के लिए पीओएस डिवाइस से ऑनलाइन और ऑफलाइन राशन वितरण की व्यवस्था की गई थी लेकिन इसका भी खास असर नहीं हुआ.
● स्मार्ट कार्ड से बनेगा स्मार्ट एमपी : उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने वालों की अक्सर शिकायतें रहती हैं कि उस महीने का राशन तो हमें मिला ही नहीं, फिर कागजों में एंट्री कैसे हो गई. कई उपभोक्ताओं की शिकायतें होती हैं कि पिछले महीने राशन कम मिला. ऐसी ही शिकायतों को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार नई व्यवस्था करने जा रही है. सरकार चाहती है कि एटीएम कार्ड की तर्ज पर उपभोक्ताओं को भी राशन के लिए कार्ड मिले. ये कार्ड उपभोक्ता के मोबाइल से जुड़ा होगा. राशन मिलते ही मोबाइल पर इसका मैसेज आएगा. माना जा रहा है कि इससे राशन वितरण की व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी. गड़बड़ी की आशंका कम होगी. उपभोक्ताओं को पता होगा, कि कब उन्होंने राशन लिया है और कितना लिया है. क्योंकि कार्ड और मोबाइल में ये सब प्रमाण के रूप में सेव रहेगा.
● कोई नहीं डकार सकेगा गरीब का निवाला : मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि प्रदेश में गरीबों को उनका पुरा हक मिले जब सरकार की मंशा साफ है तो उचित मूल्य की दुकान संचालित करने वाले कौन होते है जो गरीबों के मुंह से निवाला छीन सके. प्रदेश में 25 हजार 209 उचित मूल्य की दुकानें हैं. इनके जरिए करीब 1 करोड़ 11 लाख परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दरों पर राशन का वितरण किया जाता है. इन दुकानों का संचालन करीब 16 हजार सहकारी समितियां, साढ़े 4 हजार उपभोक्ता सहकारी भंडार और डेढ़ सौ वनोपन समितियां कर रही हैं. अभी तक इन उचित मूल्य की दुकानों पर राशन का वितरण पीओएस मशीनों से किया जाता रहा है. कई बार मशीनें तकनीकी कारणों से खराब हो जाती हैं. फिर कई जगहों पर ऑफलाइन ही राशन बांटा जाता है. यहीं से गड़बड़ी शुरु होती है. सरकार भी कई बार राशन वितरण में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त एक्शन लेने की चेतावनी दे चुकी है. गड़बड़ियों को रोकने के लिए ही स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था लागू करने की तैयारी हो रही है. सरकार ने स्व-सहायता समूह और निजी क्षेत्र को भी दुकानें संचालित करने के लिए दी हैं. इन दुकानों का स्वरूप भी बदलने की तैयारी हो रही हैं.
● ये बदलाव करने की है तैयारी : सरकार राशन की दुकान का नाम बदलने का सोच रही है, सरकार चाहती है कि इसका नाम अक्षयपात्र योजना, अन्नपूर्णा या इसी तरह कुछ और दिया जा सकता हैं. ज्यादातर दुकाने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां चलाती हैं. इसलिए इसका नाम कृषि से जुड़ा हो सकता हैं. राशन की दुकानों का ठिकाना स्थायी और निर्धारित किया जाएगा. ग्रामीण इलाकों में राशन की दुकानों का स्थान निश्चित नहीं है. समय-समय पर दुकान शिफ्ट होती रहती हैं. सहकारिता विभाग, पंचायत विभाग के साथ मिलकर इनके लिए स्थान सुनिश्चित करने पर विचार कर रहा है.
● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क-जगदीश राठौर...✍️