भोपाल
MP के 27 अस्पतालों में पकड़ा आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा
Paliwalwaniभोपाल : आयुष्मान योजना में इम्पैनल भोपाल शहर के 18 अस्पतालों में गड़बडी का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निरामयम सोसाइटी के अफसरों के साथ स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी की मौजूदगी में बैठक की। सीएम शिवराज ने सख्त लहजे में कहा कि आयुष्मान जैसी योजना में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस योजना में इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले डॉक्टर नहीं हैवान हैं। ऐसे लोगों की पूरी कुंडली खंगालो इनके खिलाफ कड़ी जांच कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी, आयुष्मान योजना की कार्यपालन अधिकारी (EO) सपना लोवंशी मौजूद थीं। बैठक में आयुष्मान भारत निरामयम मप्र के सीईओ अनुराग चौधरी दिल्ली से वर्चुअल जुडे़ थे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि यह गडबड़ी मरीजों और सरकार के साथ यह धोखा है। किसी भी कीमत पर यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। एडवोकेट जनरल से भी यह राय ली जाएगी कि इस मामले में कौन-कौन सी धाराओं में इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। केवल इनकी गिरफ्तारी न हो बल्कि इनकी बाकी गतिविधियों की जांच करें। इनके पास पैसा कहां से आया, कहां से खरीदी हुई। इन सब पहलुओं की गहराई में जाएं। अगर कोई आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ करता है तो किसी भी कीमत पर उनको छोड़ना नहीं हैं। वैष्णो का उदाहरण हमारे सामने आया बाकी अस्पतालों भी जांच की जाए और उसमें किसी भी प्रकार की दया नहीं की जाएगी। यह जानबूझकर तो नहीं किया गया। यह जांच भी जरूर होनी चाहिए कि किसने कहां नीचे गड़बड़ की है। हमारा कॉल सेंटर एक्टिव रहे। कॉल सेंटर से हर एक मरीज से यह पूछा जाए कि एक्स्ट्रा पैसे तो नहीं ले लिए । मरीज अस्पताल में भर्ती है या नहीं। कॉल सेंटर में कम लोग हो तो स्टाफ बढ़ा लें।
सीएम ने कहा कि स्वैच्छाअनुदान के मामलों में भी यह देखा जा रहा है कि यहां से राशि स्वीकृत करा ले जाते हैं और वहां कहा जाता है कि और पैसे लाओ। कहीं दवाई के नाम पर पैसे ले रहे हैं। कहीं किसी दूसरे नाम पर। स्वैच्छानुदान के मामले में मरीजों से फीडबैक जरूर लें। आयुष्मान योजना में इस बात को सुनिश्चित करना है जिन्होंने गड़बड़ की है उन्हें किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं है।
बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश के 27 अस्पतालों में कमियां निकल कर सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्यवाही करें और आगे ऐसा न हो, यह सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गाया कि क्वालिटी ऑफ ट्रीटमेंट की जाचं में पाया गया कि कुछ अस्पतालों में बेवजह मरीजों को भर्ती किया गया। फर्जी मरीजों के दस्तावेज पोर्टल पर सबमिट किए। टीम द्वारा सभी प्रकरणों द्वारा एफआईआर और विधिक कार्यवाही कराई गई। आयुष्मान भारत मप्र द्वारा योजना का दुरूपयोग करने वाले अस्पतालों को स्कीम से असम्बद्ध करने की कार्यवाही की जा रही है। जिन अस्पतालों में मरीजों से फ्री इलाज न करते हुए अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है ऐसे मामलों में तीन गुना अतिरिक्त अर्थदण्ड लगाया जा रहा है। अस्पतालों की जांच का काम लगातार जारी रहेगा। मरीजों से इलाज के दौरान और बाद में फीडबैक लिया जा रहा है। आयुष्मान मध्यप्रदेश द्वारा अभी तक 12 जिलों के प्रकरणों की जांच कर संदिग्ध 84 संबद्ध चिकित्सालयों की बारीकी से जांच और ऑडिट कराया गया। जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 अस्पतालों में अनियमितता पाई गई है। इन पर कार्यवाही की जा रही है।