ज्योतिषी
गुरु की राशि में शुक्र 26 दिनों तक 3 राशियों पर ढाएंगे कहर
paliwalwaniपुराण और धर्म ग्रंथ इस बात के साक्षी हैं कि दैत्यों और देवताओं के बीच के युद्ध के कारण मानव जाति को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ी हैं। न केवल दैत्यों और देवताओं की शत्रुता बल्कि इनके गुरुओं के बीच की दुश्मनी से भी मनुष्य व्यापक रूप से और काफी गहराई से प्रभावित होते आए हैं।
इसका कारण यह है कि दैत्यों और राक्षसों के समाप्त होने के बाद भी, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दैत्यों के गुरु आचार्य शुक्र और देवताओं के गुरु बृहस्पति के बीच की शत्रुता समाप्त नहीं हुई है। यही कारण है कि कुंडली में शुक्र और बृहस्पति की स्थिति का विशेष ध्यान रखकर भविष्यफल बताया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में गुरु और शुक्र का कोई भी योग-संयोग, किसी भी प्रकार की दृष्टि को शुभ नहीं माना गया है। इससे दोनों ग्रह पीड़ित, कमजोर और अशुभ हो जाते हैं। बृहस्पतिवार 7 नवंबर, 2024 को दैत्याचार्य शुक्र रात में 3 बजकर 39 मिनट पर मंगल की वृश्चिक राशि से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेंगे। इस राशि में 26 दिनों तक गोचर करने के बाद शुक्रदेव 2 दिसंबर को शनि की राशि मकर में चले जाएंगे।
बता दें कि शुक्र और गुरु दोनों ग्रह के कारकत्व भिन्न-भिन्न और एक-दूसरे के विरोधी हैं। शुक्र ग्रह भोग-विलास, काम सुख, सौंदर्य लिप्सा, शारीरिक आकर्षण और भौतिक सुखों के स्वामी हैं, तो वहीं गुरु बृहस्पति धर्म, अध्यात्म, न्याय, शिक्षा, धन, विवाह और संतान के नियंत्रक ग्रह हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 7 नवंबर 2024 को धनु राशि में शुक्र गोचर 3 राशियों के जातकों के लिए बेहद नकारात्मक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन-सी हैं?
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए शुक्र एक महत्वपूर्ण ग्रह है, धनु राशि में शुक्र का गोचर मिथुन राशि के लोगों के लिए कुछ चुनौतियां पैदा कर सकता है। विशेष रूप से प्रेम संबंधों और वित्तीय मामलों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। साथ ही, धनु में शुक्र का गोचर उनके धैर्य को कम कर सकता है और उन्हें जल्दबाजी में फैसले लेने के लिए प्रेरित कर सकता है।
व्यापार में उतार-चढ़ाव की स्थिति रह सकती है। आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है और आय में कमी आ सकती है। नौकरी में तनाव और परेशानियां हो सकती हैं। धन कमाने के प्रयासों में सफलता मिलना मुश्किल हो सकता है। कारोबार में नुकसान होने की संभावना है। यात्राएं फायदेमंद नहीं रहेंगी। पारिवारिक जीवन में कलह हो सकती है। प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के लिए शुक्र स्वयं इनके स्वामी ग्रह है, लेकिन शत्रु की राशि में बैठे होने से तुला राशि के जातकों पर बुरा असर पड़ने के योग हैं। धनु राशि में शुक्र का गोचर उन्हें भावनात्मक अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान तुला राशि के लोगों के लिए पारिवारिक जीवन और सामाजिक प्रतिष्ठा में कुछ गंभीर चुनौतियां पैदा हो सकती है। आपको उन्हें नींद न आने की समस्या भी हो सकती है।
व्यापार में घाटा होने की आशंका है। आय के नए स्रोत खुलने में मुश्किल होगी। नौकरी में बदलाव करने के विचार मन में आ सकते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलेगी। अभी आपको कारोबार में भागीदारी से बचना चाहिए। लव रिलेशनशिप में साथी के साथ मतभेद हो सकते हैं।
मीन राशि
मीन राशि के लिए शुक्र एक शत्रु ग्रह है। धनु राशि में शुक्र का गोचर मीन राशि के लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और मानसिक तनाव पैदा कर सकता है। इसलिए बेहद सावधान रहकर जीवन जीने की जरूरत है। इसके साथ ही, धनु में शुक्र का गोचर संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है।
आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में नुकसान होने की संभावना है। आय में कमी आ सकती है। नौकरी में पदोन्नति मिलने में देरी हो सकती है। धन कमाने के नए अवसर मिलने में मुश्किल होगी। कर्ज बढ़ सकता है और धन की हानि हो सकती है। रिलेशनशिप में साथी से झगड़ा हो सकता है। संबंध में तनाव बढ़ सकता है।
स्टूडेंट के करियर पर भी नेगेटिव असर होगा। पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और परिणाम भी अच्छे नहीं आएंगे। स्वास्थ्य खराब रह सकता है, विशेष रूप से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।