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इस राशि के लोग होते हैं जन्मजात ज्ञानी, बुद्धिमान और यारों के यार

paliwalwani
इस राशि के लोग होते हैं जन्मजात ज्ञानी, बुद्धिमान और यारों के यार
इस राशि के लोग होते हैं जन्मजात ज्ञानी, बुद्धिमान और यारों के यार

आकर्षक व्यक्तित्व के धनी सिंह लग्न वाले धैर्यवान व उदार होने के साथ ही साहसी भी होते हैं, ये जिस कार्य को अपने हाथ में ले लेते हैं उसे पूरे मन से निष्ठा के साथ पूरा करते हैं, लाभ पाने के लिए गलत योजनाओं को बनाने में भी नहीं चूकते,  ईर्ष्या की भावना से तो युक्त होते हैं किंतु दुख में भी अपने को सुखी दर्शाते हैं, ये  बहुत मेधावी होते हैं और राज करने की प्रवृत्ति रहती है. 

कैसे होते हैं सिंह राशि के लोग

सभी 12 लग्न के जातकों के बारे में जानने की कड़ी में आज पांचवी लग्न सिंह को विस्तार से जानते हैं. बता दें कि लोगों में लग्न और राशि को लेकर थोड़ा भ्रम हो जाता है. हर कुंडली में एक लग्न और चंद्र राशि होती है. लग्न काफी सूक्ष्म यानी आत्मा है. जिस व्यक्ति की जो भी लग्न होती है उसका आत्मिक स्वभाव भी वैसा ही होता है.  

सब पर राज करना चाहते है सिंह लग्न वाले

सिंह का अर्थ है - शेर.  इस लग्न के लोग साहसी, गर्म स्वभाव वाले  और इनका मेन कार्य प्रबंधन करना या लोगों पर राज करना होता है. इसलिए सिंह लग्न वाले  दूसरों  को अपने प्रभाव में ले लेते हैं.  सिंह भी शिव परिवार का सदस्य होता है और देवी की सवारी भी है. सिंह को राजसी राशि कहा जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य इस लग्न वालों के स्वामी होते हैं.  यह क्रूर एवं अग्नि तत्व का लग्न है. यह राशि मघा, पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के सभी चरणों व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण से मिलकर बनती है. सिंह लग्न दिनबली है. सिंह लग्न वालों के लिए सूर्य, मंगल और गुरु नैसर्गिक मित्र होते हैं. बुध और चंद्रमा सम होते हैं. शनि, शुक्र इन जातकों के शत्रु होते हैं. यह राशि पूर्व दिशा संचालित करती है. 

साहस में किसी से पीछे नहीं 

स्वभावतः यह स्थिर लग्न है तथा शीर्ष स्थान से इसका उदय होता है, इसलिए इसे शीर्षोदय राशि के अंतर्गत रखा गया है. इस लग्न के लिए मंगल योगकारक ग्रह है. इस लग्न में कोई ग्रह उच्च या नीच का नहीं होता है. सिंह लग्न में जन्मे जातक देखने में आकर्षक होते हैं.  उनके कंधे चौड़े, आंखें सुंदर व भाव प्रकट करनी वाली होती हैं. यह लोग अपनी बहुत अधिक बातें आंखों से ही प्रकट कर देते हैं. मुख पुष्ट व शरीर का ऊपरी हिस्सा पुष्ट व बली होता है। ऐसा जातक बहुत साहसी होता है. 

स्पष्टवादी किंतु नीच कामों से घृणा

जातक आंनद प्रिय होता है और सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहता है. अगर कुंडली में सूर्य शुभ ग्रहों से दृष्ट और मजबूत हो तो सिंह लग्न वाले अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करते हैं, स्पष्टवादी होते हैं और नीच कामों से घृणा करते हैं.  

लक्ष्य से अडिग 

सिंह लग्न के व्यक्ति सामने वाले से अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दिमाग का प्रयोग करते हुए भावनात्मक दबाव भी डालते हैं. धैर्यवान व उदार होते हैं.  वह जिस कार्य को अपने हाथ में ले लेता है, उसे पूरे मन से निष्ठा के साथ पूरा करते हैं. ऐसे जातक एकाएक उत्तेजित नहीं होते बल्कि समझ से काम लेते हैं. कला, संगीत, नाटक व सिनेमा में गहरी रुचि होती है. 

परंपराओं पर विश्वास 

सिंह लग्न के लोग हर परिस्थिति में खुश रहते हैं, इनमें दुख को भी सुख से गुजार देने की क्षमता होती है. ऐसे जातक सुख में भले ही न हंसे पर दुख में अपने को सुखी दर्शाने के लिए ज्यादा हंसते हैं. प्रेम के मामले में सिंह लग्न की जातिकाएं बहुत गंभीर और विश्वसनीय होती हैं. ऐसे लोग रूढ़िवादी और परंपराओं में विश्वास रखने वाले होते हैं. जीवन के उत्तरार्ध में प्रायः असफल रहते हैं क्योंकि उनकी अपेक्षाएं और आशाएं अत्यधिक होती हैं, जिन्हें पाने के लिए वे लगातार संघर्षशील रहते हैं पर उनकी इच्छाएं अधूरी ही रह जाती हैं. उनमें क्षमा कर देने की आदत होती है. 

विश्वसनीय व अटल मित्र 

यह जिस किसी से भी प्रसन्न हो जाएं तो उसके लिए पूरे मन से समर्पित रहते हैं. सिंह लग्न के व्यक्ति अपने अधिकारियों तथा बड़ों के द्वारा आमतौर पर गलत समझे जाते हैं और अधिकारीगण उनके बारे में गलत धारणा बना लेते हैं. उनके रहन-सहन में बड़प्पन प्रतीत होता है. वे मित्रता में विश्वसनीय व अटल होते हैं. दुख व चिंता के समय में अपनी सूझबूझ, बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता से काम लेते हैं. इन लोगों में ईर्ष्या की भावना बहुत अधिक होती है.  इसके अलावा लाभ के लिए गलत योजनाओं को बनाने में भी नहीं चूकते हैं. सिंह लग्न वालों का लोगों से अक्सर अहम टकराता रहता है. राज करने की प्रवृत्ति जन्मजात होती है. अधिकारी बनना या लोगों पर राज करने के भाव सदैव मन में रहते हैं.  

जन्मजात ज्ञानी और बुद्धिमान 

सिंह राशि कालपुरुष की कुंडली के पांचवें भाव में पड़ती है और पांचवां भाव संतान, जन्मजात ज्ञान और बुद्धि का होता है. यदि इन जातकों की कुंडली में सूर्य बलवान हो तो ऐसा जातक अति भाग्यवान होता है. ऐसे व्यक्ति को राज्य में अच्छा पद भी प्राप्त हो सकता है. भाग्य भाव का स्वामी और लग्नेश सूर्य का परम मित्र होने के कारण इस लग्न वालों को मंगल बहुत अच्छे परिणाम देता है. सिंह लग्न वालों का स्वामी सूर्य है जो इस लग्न के लिए शुभ फल देता है, इसलिए सूर्य ही लग्नेश होता है. सिंह जातकों को रोज सुबह सूर्य को जल देना चाहिए.  इस लग्न के जातकों को माणिक्य धारण करना चाहिए. भाग्य के स्वामी मंगल के लिए मूंगा पहनना चाहिए.

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