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मंगल और केतु ने बनाया अशुभ नवपंचम योग, इन 4 राशि वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, तुरंत जानिए उपाय

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मंगल और केतु ने बनाया अशुभ नवपंचम योग, इन 4 राशि वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, तुरंत जानिए उपाय
मंगल और केतु ने बनाया अशुभ नवपंचम योग, इन 4 राशि वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, तुरंत जानिए उपाय

मेष राशि:

नवपंचम योग आप लोगों के लिए कष्टकारी साबित हो सकता है। क्योंकि पहले से ही आपके सिर पर राहु ग्रह विराजमान हैं। जिससे आपको तनाव, चिंता से गुजरना पड़ रहा है। वहीं आपकी गोचर कुंडली के सप्तम भाव में केतु ग्रह विराजमान है। जिससे आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। साझेदारी के व्यापार में आपको हानि हो सकती है। साथ ही इस समय आप साझेदारी का व्यापार शुरू भी नहीं करें तो बेहतर रहेगा। वहीं दुर्घटना के भी योग बन रहे हैं। साथ ही आपको छाती और गले से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है।

वृष राशि:

आप लोगों के लिए नवपंचम योग बनना नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। क्योंकि आपकी गोचर कुंडली में मंगल ग्रह शत्रु राशि में विराजमान होकर धन भाव पर स्थित हैं। वहीं केतु ग्रह आपकी गोचर कुंडली में रोग, चोट के स्थान पर स्थित हैं। इसलिए इस समय आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। ऊंचे स्थान से गिर सकते हैं। इसलिए सावधानी बरतें। मामा और मौसी से संबंध खराब हो सकते हैं। व्यापार में धनहानि हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को इस समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।

कर्क राशि:

नवपंचम योग की यह स्थिति आप लोगों को हानिकारक साबित हो सकती है। क्योंकि आपकी आपकी गोचर कुंडली में शत्रु राशि में स्थित होकर 12वें भाव में विराजमान हैं। इसलिए इस समय आपको कोर्ट- कचहरी के मामलों में असफलता मिल सकती है। वहीं इस समय आपको दादी, मां और जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही इन लोगों के साथ कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती है।

वृश्चिक राशि:

आप लोगों की गोचर कुंडली में राशि स्वामी मंगल दुर्घटना के भाव में स्थित हैं। वहीं केतु 12वें स्थान में विराजमान हैं।  इसलिए इस समय आपको स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। इसलिए इस समय आपको वाहन बहुत सावधानी से चलाना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना के योग बने हुए हैं। व्यापार में अभी कोई डील भी फाइनल करने से बचें। साथ ही इस समय आपको भाग्य का भी साथ नहीं मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को इस समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।

करें ये उपाय:

नवपंचम योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आप लोगों को केतु और मंगल ग्रह के बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही मंगलवार का व्रत रखना चाहिए। हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए।

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