ज्योतिषी
14 वर्ष बाद बनने जा रहा है, शनिश्चरी अमावस्या पर शुभ संयोग : महर्षि बाबूलाल शास्त्री
महर्षि बाबूलाल शास्त्रीटोंक : भाद्रपद के महीने में शनैश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग बनने जा रहा है, यह शुभ संयोग 27 अगस्त 2022 को बनेगा ऐसा संयोग 14 वर्ष बाद बनने जा रहा है यह संयोग इसलिए विशेष है कि इस दिन शनि देव अपनी ही मकर राशि में रहेंगे, अब दो साल के बाद ऐसा संयोग आएगा जो भाद्रपद माह में शनि अमावस्या होगी, वैसे तो हर माह की अमावस्या तिथि विशेष मानी जाती है, इस तिथि पर स्नान दान और पितरों की पूजा की जाती है।
इस बार भाद्रपद अमावस्या अत्यंत ही शुभ होने वाली है। मनु ज्योतिष एवं वास्तु शोध संस्थान टोंक के निदेशक महर्षि बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार की अमावस्या काफी महत्वपूर्ण होती है, जब शनिवार के दिन कोई अमावस्या होती है तो उसे शनिश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या कहते हैं, 27 अगस्त की शनिश्चरी अमावस्या इस वर्ष की आखिरी शनिश्चरी अमावस्या है, शनिवार के दिन अमावस्या का शुभ संयोग कम ही बनता है 14 वर्ष पहले ऐसा संयोग 30 अगस्त 2008 को बना था, उस समय भाद्रपद में अमावस्या थी, अब इसके दो साल बाद यानी कि 23 अगस्त 2025 को भाद्रपद महीने में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बनेगा, वहीं भाद्रपद की शनिश्चरी अमावस्या तिथि 26 अगस्त शुक्रवार को दिन में 12.24 मिनिट से प्रारंभ हो कर, यह तिथि 27 अगस्त शनिवार को दोपहर 01.47पर समाप्त होगी। बाबूलाल शास्त्री ने बताया कि 27 अगस्त शनिवार भाद्रपद अमावस्या के दिन सुबह तीर्थों और पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है इस दिन आप भी इसका लाभ ले सकते हैं, स्कंद पुराण में अमावस्या तिथि को पर्व कहा जाता है, इसलिए इस पर्व पर स्नान करके हर प्रकार के दोषों को दूर कर सकते हैं, यह शनिश्चरी अमावस्या इसलिए भी विशेष है क्योंकि शनिदेव अपनी ही मकर राशि में विराजमान हैं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या शुभ फल प्रदान करने वाली होती है, अमावस्या तिथि न्याय के देवता शनि देव की जन्म तिथि भी है।
- संकलन - महर्षि बाबूलाल शास्त्री टोंक राजस्थान